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अगले सप्ताह में भारत में वर्ल्ड टी20 चैंपियनशिप का आगाज होगा। दुनिया की 10 टीमें इस ट्राॅफी के लिए आमने-सामने होंगी। भारत में यह टूर्नामेंट पहली बार हो रहा है। भारत को जीत का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। भारत टूर्नामेंट का पहला विजेता है। साथ ही वह पिछली बार उपविजेता था। हालांकि दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया भी टूर्नामेंट में मजबूत दावेदार के रूप में उतरेेंगे। आइए जानते हैं कौनसा खिलाड़ी है जिसके पर दारोमदार है और वही टीम की कमजोर कड़ी भी बन सकता है। (Photo: AP)
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एबी डिविलियर्स:क्रिकेट के सुपरमैन एबी डिविलियर्स का प्रदर्शन ही दक्षिण अफ्रीका के लिए वर्ल्ड टी20 में निर्णायक साबित होगा। उन्हें भारतीय पिचों पर खेलने का अनुभव भी है और यहां का माहौल भी उन्हें रास आता है। पिछले साल भारत के खिलाफ टी20 सीरिज में उन्होंने इस बात को साबित भी किया था। उन्होंने 67 मैचों में 1258 रन बनाए हैं। हालांकि दक्षिण अफ्रीका का चोकर्स का दाग उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। साथ ही अन्य खिलाडियों को भी अच्छे प्रदर्शन की प्रेरणा जरूरी होगी। अगर डिविलियर्स नहीं चले तो दक्षिण अफ्रीका के लिए टूर्नामेंट में दूर तक जाना मुश्किल हो जाएगा। (Photo: AP)
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विराट कोहली: विराट कोहली इस समय जबरदस्त फॉर्म में हैं। ऑस्ट्रेलिया में भारत की 3-0 से फतह और एशिया कप में विजय में कोहली की बल्लेबाजी का अहम योगदान था। घरेलू जमीन पर उनका प्रदर्शन और भी बेहतर हो जाता है। वे नंबर तीन पर बल्लेबाजी को उतरते हैं। भारतीय बैटिंग ऑर्डर उनके इर्द गिर्द ही घूमता है। कोहली ने 38 टी20 इंटरनेशनल में लगभग 53 की औसत से 1368 रन बनाए हैं। इसमें 13 फिफ्टी भी शामिल हैं। लेकिन अगर कोहली नहीं चलते हैं तो टीम इंडिया का मध्य क्रम दबाव में आ जाता है। वर्तमान में देखें तो युवराज और सुरेश रैना उतनी अच्छी फॉर्म में हैं नहीं। ऐसे में टीम इंडिया का घर में चैंपियन बनने का सपना संकट में पड़ सकता है। कप्तान एमएस धोनी पहले ही 15-20 गेंद खेलने का ही मानस जता चुके हैं। ऐसे में कोहली पर दोगुना दबाव होगा (Photo:PTI)
ग्लेन मैक्सवेल: ऑस्ट्रेलिया ऑस्ट्रेलियाई मिडिल ऑर्डर की जिम्मेदारी ग्लेन मैक्सवेल के कंधों पर हाेगी। भारतीय पिचें स्पिन के मददगार होती है। इस लिहाज से मैक्सवेल का रोल और अहम हो जाता है। क्योंकि वे उपयाेगी स्पिन गेंदबाजी भी करते हैं। उन्होंने अभी तक 30 अंतरराष्ट्रीय टी20 मुकाबलों में लगभग 22 की औसत से 502 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 160 का है। वहीं उन्होंने 15 विकेट भी लिए हैं। वे बल्लेबाजी के छठे नंबर पर उतरते हैं यानि फिनिशर की भूमिका में। इस लिहाज उनकी टीम के पक्ष में मैच जाए इसकी जिम्मेदारी उन पर ही रहती है। उनके पास आईपीएल में खेलने का अनुभव भी है। उनका चलना या ना चलना ऑस्ट्रेलिया के व्र्ल्ड टी20 अभियान में अहम किरदार होगा। (Photo: Reuters) -
केन विलियमसन: न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन के कंधों पर वर्ल्ड टी20 में दोहरा बोझ होगा। एक तो उन्हें बल्लेबाजी को मजबूती देनी होगी साथ ही कप्तानी में खुद को साबित करना होगा। ब्रैंडन मैकुलम के संन्यास लेने के बाद कमजोर दिख रही कीवी टीम इस टूर्नामेंट में कहां तक जाएगी, इसका दारोमदार विलियमसन पर ही होगा। न्यूजीलैंड का पहला ही मैच मेजबान भारत से होगा। विलियमसन ने अभी तक30 टी20 में 32 की औसत से 844 रन बनाए हैं। लेकिन कमजोर पक्ष यह है कि भारत में उन्होंने केवल एक ही टी20 खेला है। इसमें उन्होंने 28 रन बनाए थे। (Photo:PTI)
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मोईन अली: इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी मोईन अली भारतीय पिचों पर अपनी टीम के खेवनहार बन सकते हैं। हालांकि वे पहली बार भारत में खेलेंगे। उनकी स्पिन गेंदबाजी इंग्लिश टीम के लिए बेहद आवश्यक होगी। अगर उनकी फिरकी चल गई तो इंग्लैंड टीम के वारे न्यारे हो जाएंगे। ऐसा न होने पर इंग्लैंड का सफर शायद ही लंबा खिंचे। उन्होंने अभी तक 12 मैंचों में 12 की औसत से 130 रन बनाए हैं। साथ ही 6 विकेट भी चटकाएं हैं। वे ओपनिंग करने के साथ ही निचले क्रम में भी बल्लेबाजी कर सकते हैं। (Photo:PTI)
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शाहिद अफरीदी: पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी का यह आखिरी टूर्नामेंट होगा। टीम को एक बार फिर से टी20 का चैंपियन बनाना उनका सपना होगा। लेकिन इसमें वे खुद ही बाधक बन सकते हैं। ढलती उम्र के साथ उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों ही दम तोड़ती नजर आ रही है। उनकी फास्टर वन अब बल्लेबाजों को बिलकुल परेशान नहीं करती। इस लिहाज से वे टीम पर बोझ नजर आ रहे हैं। हालांकि उनका पिछला प्रदर्शन उन्हें इस फॉर्मेट के मुफीद बनाता है। उन्होंने 94 टी20 मैचों में 1315 रन बनाए हैं। साथ ही 93 विकेट भी लिए हैं। पाकिस्तान का टूर्नामेंट में प्रदर्शन पूरी तरह से अफरीदी के नेतृत्व पर निर्भर करेगा। (Photo:AP)
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किराेन पोलार्ड: वैसे तो वेस्ट इंडीज में काफी सारे बिग हिटर और अच्छे ऑल राउंडर शामिल हैं। लेकिन किराेन पोलार्ड इंडीज टीम के लिए जीत के सूत्र साबित हो सकते हैं। आईपीएल में वे मुंबई इंडियंस के नियमित सदस्य हैं। इस लिहाज से उनके पास अच्छा खासा अनुभव है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मैचों में पोलार्ड की नाकामी इंडीज टीम के लिए परेशानी की वजह है। पोलार्ड ने 45 मैचों में 22 विकेट लिए हैं और 664 रन बनाए हैं।
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लसित मलिंगा: पिछली बार जब श्रीलंका चैंपियन बनी थी तो इसमें सबसे अहम रोल लसित मलिंगा का ही था। मलिंगा ने फाइनल में भारत के खिलाफ जबरदस्त गेंदबाजी की थी। उनके शानदार प्रदर्शन के कारण ही भारतीय टीम सामान्य स्कोर बना पाई थी। इसके बाद श्रीलंका ने पहली बार टी20 चैंपियन बनने का सौभाग्य पाया था। अब स्थितियां बदली हुर्इ है। मलिंगा चोटों से जूझ रहे हैं। लंबे समय से वे टीम से बाहर है। बाकी के गेंदबाजों को उस तरह का अनुभव नहीं है जो बड़े टूर्नामेंटों में चाहिए होता है। इसी के चलते उन्होंने कपतानी छोड़ दी। मलिंगा ने 62 अंतरराष्ट्रीय टी20 मुकाबलों में 78 विकेट लिए हैं। (Photo:AP)
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साकिब अल हसन: बांग्लादेश टीम के उप कप्तान साकिब अल हसन अपनी टीम के लिए तुरुप का इक्का होंगे। भारतीय स्थितियां कमोबेश बांग्लादेश जैसी ही हैं। साथ ही वे उपयोगी ऑल राउंडर भी है। बल्लेबाजी में मुश्फिकुर रहीम के साथ मध्यक्रम का दारोमदार उन पर होगा। वहीं बॉलिंग में स्पिन डिपार्टमेंट का जिम्मा उनके कंधों पर होगा। उन्हाेंने अभी तक 48 टी20 खेले हैं। इनमें 979 रन और 57 विकेट लिए हैं। अब परेशानी यह है कि हाल फिलहाल वे फॉर्म में नहीं है। बांग्लादेश के पास उनके जैसा दूसरा स्पिनर है नहीं तो साकिब पर दोहरा दबाव होगा। प्रदर्शन में निरंतरता की कमी भी उनके आंकड़े कमजोर करती है। (Photo:AP)
