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आईपीएल 2018 का सफर रविवार को चेन्नई की जीत के साथ खत्म हुआ। इस साल कुछ खिलाड़ियों के लिए सीजन शानदार रहा तो वहीं कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो इसे जल्द से जल्द भुलाने की कोशिश करेंगे। पहली बार कप्तानी करते हुए सनराइजर्स हैदराबाद को फाइनल में पहुंचाने वाले न्यूजीलैंड के केन विलियमसन लीग के 11वें सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उनकी टीम बेशक फाइनल हार गई हो लेकिन विलियमसन ने ऑरेंज कप पर कब्जा जरूर कर लिया। इस सीजन में उन्होंने 17 मैच खेले और 52.50 की औसत से 735 रन बनाए। वहीं किंग्स इलेवन पंजाब के तेज गेंदबाज एंड्रयू टाई पर्पल कैप हासिल करने में सफल रहे। आईपीएल में पर्पल कैप उस गेंदबाज को दी जाती है जिसने सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लिए होते हैं। टाई ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 14 मैचों में 24 विकेट अपने नाम किए। आइए एक नजर डालते हैं कुछ ऐसे खिलाड़ियों पर जिन पर इस साल फ्रेंचाइजियों ने बड़ा दांव लगाया, लेकिन वो खिलाड़ी पूरे सीजन फ्लॉप साबित रहे।
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बेन स्टोक्स : राजस्थान रॉयल्स ने इस साल इंग्लैंड के ऑलराउंडर खिलाड़ी बेन स्टोक्स को 12.50 करोड़ रुपए में खरीदा था। पिछले साल पुणे की तरफ से स्टोक्स का सीजन अच्छा गुजरा था, ऐसे में राजस्थान ने उन पर दांव खेलना बेहतर समझा। इस साल स्टोक्स ने राजस्थान के लिए 13 मैचों में 196 रन और 8 विकेट हासिल किया। स्टोक्स पूरे सीजन बल्ले से एक भी अर्धशतक लगाने में कामयाब नहीं रहे।
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जयदेव उनादकट : साल 2017 के फाइनल मैच में मुंबई के खिलाफ उनादकट ने अपनी गेंदबाजी से सभी को खासा प्रभावित किया था। पुणे की तरफ से खेलते हुए उनका पूरा सीजन बेहद शानदार गुजरा था, यही वजह थी कि राजस्थान की टीम ने 11.50 करोड़ रुपए देकर इस साल उन्हें अपने टीम में शामिल किया। पिछले साल 7 की रन रेट से रन देने वाले उनादकट ने इस साल 9.65 के हिसाब से रन खर्चे। इतना ही नहीं 15 मैचों में वह सिर्फ 11 विकेट लेने में कामयाब रहे।
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मनीष पांडे : निदास ट्रॉफी के फाइनल मैच में मनीष पांडे ने बांग्लादेश के खिलाफ भारत की तरफ से एक अहम पारी खेली थी। नीलामी के दौरान हैदराबाद की टीम ने पांडे को 11 करोड़ में खरीदा था, लेकिन पांडे पूरे सीजन फ्लॉप साबित रहे। यही वजह थी कि फाइनल मैच में उन्हें प्लेइंग इलेवन से भी बाहर कर दिया गया था। इस सीजन 15 मैचों में पांडे ने 25.81 की औसत से टीम के लिए 284 रन बनाए।
ग्लेन मैक्सवेल : हर साल की तरह इस साल भी दिल्ली की टीम आईपीएल में अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही। दिल्ली ने इस साल ग्लेन मैक्सवेल को 9 करोड़ रुपए में अपनी टीम में शामिल किया था। इस साल खेले गए 12 मैचों में मैक्सवेल के बल्ले से सिर्फ 169 रन निकले। -
आर अश्विन : पंजाब ने इस साल अपनी पूरी टीम को बदलने का काम किया। नीलामी के दौरान आर अश्विन को 7.6 करोड़ में खरीदकर पंजाब ने उन्हें अपना कप्तान बनाया। हालांकि, इस साल अश्विन का जादू फीका नजर आया और वह टूर्नामेंट में खेले गए 14 मैचों में सिर्फ 10 विकेट लेने में कामयाब रहे। इस दौरान अश्विन ने 8 से ऊपर की इकॉनमी से रन भी खर्चे।
