
केजरीवाल ने कहा कि आप के सत्ता में आने के बाद से केवल भ्रष्ट अधिकारी डरे हुए हैं जबकि ईमानदार अधिकारी बिना किसी डर से काम कर रहे हैं। (फ़ोटो-पीटीआई)

25 जनवरी, 2014 को अपने 49 दिनों के कार्यकाल के दौरान मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पालिका प्रसूति अस्पताल, लोधी कॉलोनी, का उद्घाटन एक रिक्शा चालक के द्वारा रिबन कटवाकर किया। ऐसे में आम लोगो को लगा की वाकई ये सरकार 'आम आदमी' की ही है। कही न कही इसका फायदा भी केजरीवाल को 2015 के विधानसभा चुनावो में मिला। (फ़ोटो-पीटीआई)

2 मार्च, 2015: अरविन्द केजरीवाल ने द्वारका के बवाना इलाके में 50 मिलियन गैलन के जल उपचार संयंत्र का उद्घाटन किया। खास बात ये रही की इसका उद्घाटन किसी मजदूर या रिक्शा चालक ने नहीं बल्कि खुद अरविन्द केजरीवाल तथा मनीष सिसोदिया ने किया। पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल पर आरोप लगाया की उन्होंने उनके आने का इंतज़ार किये बगैर की समारोह को आगे बढाकर इसे राजनितिक समारोह बना दिया। (फ़ोटो-पीटीआई)

1 मई 2015: मजदूर दिवस के दिन दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पटपरगंज में एक फुट ओवर ब्रिज का उद्घाटन किया। यहाँ उद्घाटन पट्टिका पर उन 5 मजदूरों के नाम लिखे गए थे जिन्होंने इसे बनानें का काम किया था। सिसोदिया ने इस ब्रिज का नाम 'जनता का फुट ओवर ब्रिज' रखा| अब अगर जनता का फुट ओवर ब्रिज है तो उनके नाम के साथ उद्घाटन भी उन्हीं के कर कमलों से होता तो शायद आम आदमी को भी कुछ पल के लिए ख़ास होने का एहसास हो जाता। बाकी 'आप' की मर्जी! (फ़ोटो-पीटीआई)