स्विट्जरलैंड में 200 डॉलर पर नाइट से ज्यादा किराया वाले होटलों में मेहमान यह जरूर उम्मीद रखते हैं कि वे होटल के कमरे से प्राकृतिक नजारों का आनंद उठा सकेंगे। हालांकि, होटल ला क्लसट्रा में आने वाले लोगों को अलग तरह का ही कमरा मिलता है। यह होटल गौथर्ड पर्वत श्रृंखलाओं में जमीन के नीचे सेना के बंकर में बना हुआ है। होटल में कुछ 17 कमरे हैं। (Text: Arnd Wiegmann, Source: Reuters) -
होटल का एंट्रेंस बेहद संकरा है। सजावट के नाम पर मुख्य द्वारा पर एक स्विस झंडा लगा हुआ है। (Source: Reuters)
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रेस्तरां हो या कमरे या लाउंच, कहीं भी खिड़कियां नहीं हैं। सभी की दीवारों पत्थरों की हैं। (Source: Reuters)
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स्विट्जरलैंड में न इस्तेमाल होने वाले सैन्य बंकरों को दोबारा से इस्तेमाल किया रहा है। उसी परंपरा में ला क्लस्ट्रा होटल भी बनाया गया है।
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इन बंकरों में म्यूजियम, मशरूम के फार्म, चीज फैक्ट्री और बिजनेस प्वाइंट्स खोले जा रहे हैं। (Source: Reuters)
दूसरे विश्वयुद्ध के वक्त स्विट्जरलैंड में करीब 8000 बंकर और मिलिट्री शेल्टर्स थे। (Source: Reuters) -
इन बंकरों को मेंटेन करने का खर्च बेहद ज्यादा होता है।
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डेल्टालिस डेटा सेंटर ऐसे ही बंकर में चलाया जा रहा है। इस बंकर में कभी 1500 सैनिकों का घर था। (Source: Reuters)
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अधिकतर बंकरों को यह तो सील कर दिया या ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए उन्हें संरक्षित करवा दिया गया है। (Source: Reuters)
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स्विट्जरलैंड में सदियों से एक कहानी सुनाई जाती रही है। आखिरी जर्मन शासक कैसर विल्हम ii जब 1912 में यहां आया तो उसने एक स्विस सेना के जवान से पूछा कि तुम्हारे एक लाख सैनिक क्या कर लेंगे, अगर 2 लाख जर्मन सैनिक तुम्हारी सीमाओं मे घुस आएं। (Source: Reuters)
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स्विस सेना के जवान ने कहा, ''हमारे हर सैनिक को दो बार गोली चलानी होगी।''(Source: Reuters)
सैसो सेन गोटार्डो म्यूजियम को एक किले में बनाया गया है। इसे देखने के बाद यह पता चलता है कि कैसे स्विस लोगों ने 20वीं शताब्दी में बाहरी घुसपैठ को रोका होगा। (Source: Reuters) जर्मनी ने जब 1940 में फ्रांस पर आक्रमण किया तो स्विट्जरलैंड ने पाया कि वो खतरों से घिरा है और किसी हमले की स्थिति से निपटने को तैयार नहीं है। (Source: Reuters) किसी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए स्विट्जरलैंड ने ऐसी तैयारियां की जिससे उसे जीतना मुश्किल हो जाए। (Source: Reuters) बाहरी घुसपैठ से निपटने की योजना को यहां नेशनल रिडाउट नाम दिया गया। (Source: Reuters) -
अपने किलों और बंकरों की मदद से स्विट्जरलैंड का अपने पहाड़ों और इससे होकर गुजरने वाले अहम रास्तों पर नियंत्रण था। (Source: Reuters)
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ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले पूर्व स्विस हिस्ट्री प्रोफेसर रूडोल्फ जॉन इस नेशनल रिडाउट प्लान को समस्या का इमजरेंसी हल करार देते हैं। (Source: Reuters)
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कोल्ड वॉर के दौरान स्विट्जरलैंड को जब न्यूक्लियर हमले का खतरा सताया तो उसने सेना की जरूरतों पर होने वाले खर्च को बढ़ाया। बमों के हमले से निपटने के लिए शेल्टर बनाए गए। (Source: Reuters)
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स्विस लोगों ने बंकरों की तरह ही अब बॉम्ब शेल्टरों का भी इस्तेमाल करना सीख लिया है। आजकल इसे वाइन कलेक्शन के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। (Source: Reuters)
