
राजस्थान के डिप्टी सीएम और कांग्रेस के राजस्थान अध्यक्ष सचिन पायलट ने रविवार (9 जून) रात संचोर जिले के कसेला गांव स्थित एक खेत में गुजारी। इस दौरान पायलट एक झोपड़ी में रुके और नीम की दातुन से ब्रश भी किया। कसेला में रात बिताने के बाद सचिन पायलट ने एक ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा कि 2 साल पहले कसेला के एक किसान से उन्होंने दोबारा आने का वादा किया था, जो अब निभा दिया है। सचिन पायलट ने सोमवार (10 जून) दोपहर करीब 3 बजे एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘‘मेरी ताकत का सबसे बड़ा स्रोत राजस्थान के लोगों का प्यार और स्नेह है। करीब 2 साल पहले संचोर जिले के कसेला गांव में किसान जयकिशन जी के घर पर रात गुजारी थी। उस वक्त उनसे वादा किया था कि मैं दोबारा जरूर आऊंगा। पिछली रात मैंने वह वादा निभा दिया।’’

पायलट एक झोपड़ी में रुके और नीम की दातुन से ब्रश भी किया।

पायलट के डिनर में देसी स्वाद का तड़का भी लगाया गया। कृषि फार्महाउस पर ही सचिन पायलट के लिए केर, सांगरी की सब्जी, छाछ की राबड़ी व बाजरे की रोटी बनाई गई।

सचिन पायलट रविवार रात पायलट कसेला गांव पहुंचे और किसान जयकिशन के खेत में रुके।

सचिन पायलट ने कहा, करीब 2 साल पहले संचोर जिले के कसेला गांव में किसान जयकिशन जी के घर पर रात गुजारी थी। उस वक्त उनसे वादा किया था कि मैं दोबारा जरूर आऊंगा। पिछली रात मैंने वह वादा निभा दिया।

सोमवार सुबह सचिन पायलट ने ग्रामीणों से मुलाकात की।

सचिन पायलट के साथ आए अधिकारियों व अन्य नेताओं के लिए भी ठहरने की व्यवस्था थी।

सचिन पायलट ने ट्वीट में लिखा, ‘‘मेरी ताकत का सबसे बड़ा स्रोत राजस्थान के लोगों का प्यार और स्नेह है।

पायलट के ठहरने के लिए कूलर वाली झोपड़ी बनाई गई। इसकी खासियत थी कि बूंद-बूंद सिंचाई की तर्ज पर झोंपड़ी के चारों तरफ पाइपलाइन बिछाकर पानी का स्प्रे किया जा रहा था, जिससे प्राकृतिक हवा पानी के संपर्क में आकर झोंपड़ी में कूलर की तरह ठंडी हवा दे।

सचिन पायलट यहां 25 मई 2017 को ठहरे थे। बता दें कि किसान जयकिशन के पास करीब 35 बीघा कृषि भूमि है, जिस पर वे खेतीबाड़ी करते हैं।

कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर पार्टी नेताओं को ग्रामीणों के बीच रात्रि विश्राम करना था। इसके लिए पायलट ने स्थानीय नेताओं से राय ली थी, जिसके बाद कसेला गांव को चुना गया था।

सचिन पायलट ने 2 साल पहले 2017 में भी कसेला गांव के किसान जयकिशन के यहां रात्रि विश्राम किया था।