Independence Day 2019 PHOTOS: रंगीन साफे में छठी बार लाल किले पर दिखा नरेंद्र मोदी का जादू, अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी कर बनाया यह रिकॉर्ड
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, 2019) पर लाल किले की प्राचीर से लगातार छठी बार देश को संबोधित किया। गुरुवार को लाल किले से यह उनका छठा और दोबारा सत्ता में आने के बाद पहला भाषण था। रंग-बिरंगे साफे में पीएम ने वहां अपने जादुई भाषण ने मानो सबको मोह लिया था। मोदी इस उपलब्धि के मामले में भारत रत्न और बीजेपी के दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बराबरी पर आ गए हैं, जबकि इस प्राचीर से सबसे अधिक बार झंडा फहराने वालों की सूची में अटल जी और उनका नाम चौथे पायदान पर है। इस लिस्ट में देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू पहले (17 बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया), उनकी सुपुत्री और पूर्व पीएम इंदिरा गांधी दूसरे (16 बार) और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह तीसरे (10 बार) स्थान पर हैं।
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लाल किले पर ध्वजारोहण से पहले मोदी राजघाट पहुंचे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर जाकर पुष्प अर्पित किए और बापू को श्रद्धांजलि दी। पीएम इसके बाद वहां से लाल किले के लिए रवाना हुए, जहां उनका तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जोरदार स्वागत हुआ।
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पीएम मोदी ने इस भाषण में ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ’ का पद सृजित करने का ऐलान किया। साथ ही जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान हटाने के अपनी सरकार के ऐतिहासिक फैसले, देश की अर्थव्यवस्था में सुधार, तीन तलाक विरोधी कानून, आतंकवाद और कई अन्य मुद्दों का जिक्र किया।
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हर साल होने वाले इस कार्यक्रम में मोदी अक्सर अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में बातें करते रहे हैं। वह इसके साथ ही अपनी कमान में देश के प्रदर्शन को भी प्रमुखता से पेश करते नजर आए हैं।
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लाल किले की प्रचीर से वह बोले, "हम समस्याओं को टालते भी नहीं और पालते भी नहीं हैं। अब न टालने का वक्त है और न ही पालने का समय है। सरकार बनने के 70 दिनों भीतर संसद के दोनों सदनों ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय का अनुमोदन किया।’’
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पीएम के मुताबिक, "देशवासियों ने जो काम दिया, हम उसे पूरा कर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास किया, पर इच्छा के अनुरूप परिणाम नहीं मिले। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सपनों को पंख लगें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है।
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प्रधानमंत्री ने बताया, "नई सरकार को 10 हफ्ते भी नहीं हुए हैं, पर इस छोटे से कार्यकाल में सभी क्षेत्रों में हर प्रयास को बल दिया गया है। हम पूरे समर्पण के साथ सेवारत हैं।" यही नहीं, उन्होंने देश में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई और कहा कि यह आगामी पीढ़ियों के लिए नई चुनौतियां पेश करता है।
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मोदी ने देश में आबादी नियंत्रण के लिए छोटे परिवार पर जोर दिया। बोले कि आबादी समृद्ध हो, शिक्षित हो तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। आगे तीन पर कहा कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन भी किया गया।
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भाषण खत्म करने के बाद मोदी वहां मौजूद बच्चों के बीच पहुंचे तो उनके उत्साह की कोई सीमा नहीं थी। मुस्कुराते हुए पीएम सुरक्षा घेरे को पीछे छोड़कर आजादी के जश्न पर उत्साहित बच्चों के बीच कुछ देर तक घिरे रहे।
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मुख्य आयोजन स्थल पर हर बार की तरह इस साल भी बच्चों ने केसरिया, सफेद और हरे रंगे की पोशाक पहन रखी थी। बोधन के बाद पीएम ने लोगों की तरफ हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया, जबकि बाद में रवाना होने के लिए वाहनों के काफिले की तरफ बढ़ चले।
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कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलते वक्त वह रुके और अपनी कार से बाहर निकल कर सुरक्षा घेरा पीछे छोड़ उस जगह पहुंच गए, जहां बच्चे बैठे थे। ये देख बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
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हर कोई पीएम नरेंद्र मोदी की एक झलक पाने के लिए, उनसे हाथ मिलाने के लिए आगे आने की कोशिश कर रहा था। जो बच्चे पहली कतार में बैठे थे, उन्हें प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने का भी मौका मिला। (सभी तस्वीरें: PTI)