‘प्रभु श्रीराम हिंदुओं के दिल के बेहद नजदीक’, HC की टिप्पणी, जानें- क्या है पूरा मामला?
मदुरै बेंच की जस्टिस आर हेमलता ने अपने फैसले में कहा कि सिनेमाघरों, माल और अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी तो लोगों को एहतियात के साथ जाने की अनुमति पुलिस दे रही है।

अयोध्या में बन रहे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने को लेकर दायर याचिका को मंजूरी देते हुए मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच के जज ने कहा कि प्रभु श्रीराम हिंदुओं के दिल के बेहद नजदीक हैं। दरअसल इस मामले में मदुरै पुलिस ने याचिकाकर्ता को प्रोग्राम चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
मदुरै बेंच की जस्टिस आर हेमलता ने अपने फैसले में कहा कि सिनेमाघरों, माल और अन्य सार्वजनिक जगहों पर भी तो लोगों को एहतियात के साथ जाने की अनुमति पुलिस दे रही है। उन्होंने पुलिस आयुक्त को हिदायत दी कि याचिकाकर्ता की दरखास्त पर वह विचार करके इस संबंध में उचित आदेश जारी करें, जिससे अवेयरनेस प्रोग्राम को लेकर कोई परेशानी न हो। कोर्ट ने कहा कि पुलिस जल्दी दरखास्त को मंजूरी देने का काम करे।
कोर्ट में यह याचिका एन सेल्वाकुमार की तरफ से दायर की गई थी। उनका कहना है कि वह श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में जिला संयोजक हैं। उन्होंने मदुरै के पुलिस आयुक्त को इस संबंध में 13 फरवरी को दरखास्त दी थी। उनका मकसद एक वैन के जरिए मदुरै और उसके आसपास के इलाके में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाना है। लेकिन पुलिस ने उनकी दरखास्त को नामंजूर कर दिया।
सेल्वाकुमार ने कोर्ट में कहा कि पुलिस कई राजनीतिक दलों को भी तो जनसभाओं के लिए अनुमति प्रदान करती है तो उनके मामले में यह दोहरा मापदंड क्यों अपना रही है। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि थिलागर के सहायक पुलिस आयुक्त के पास सेल्वाकुमार ने अपनी अर्जी दी थी। उनके पास उन्हें अनुमति देने का अधिकार नहीं है। पुलिस का कहना था कि सेल्वाकुमार को पुलिस आयुक्त के पास दरखास्त देनी चाहिए थी। पुलिस ने कहा कि आयुक्त के पास ही यह अधिकार है कि किसी को एहतियात बरतते हुए इस तरह का प्रोग्राम चलाने की अनुमति दे सकें।