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Russia Ukraine War: बाइडन के कीव दौरे से भड़के पुतिन! बोले- पश्चिमी देश खेल रहे हैं ‘डर्टी गेम’

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मॉस्को ने शांतिपूर्ण तरीकों से डोनबास की समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव कोशिश की। उन्होंने कहा कि पश्चिम देशों ने यूक्रेन में वही खेल खेला है, जो उन्होंने सीरिया और इराक में किया था।

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फोटो- एपी)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पश्चिमी देशों पर जमकर हमला बोला। पुतिन ने अपने संबोधन में कहा, “यह वे (देश) हैं, जिन्होंने युद्ध शुरू किया…और हम इसे खत्म करने के लिए बल प्रयोग कर रहे हैं।” राष्ट्रपति के संबोधन का रूस के सभी सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारण किया गया। यह संबोधन ऐसे वक्त हुआ है, जब शुक्रवार को यूक्रेन युद्ध को एक साल हो जाएंगे। पुतिन ने कहा कि “पश्चिमी देश जानते हैं कि युद्ध के मैदान में रूस को हराना असंभव है इसलिए उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके दुष्प्रचार हमले शुरू किए। रूसी संस्कृति, धर्म और मूल्यों पर हमला किया।” युद्ध को जायज बताते हुए पुतिन ने दावा किया कि उनकी सेना यूक्रेन के क्षेत्रों में नागरिकों की रक्षा कर रही है।

अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा पश्चिम: पुतिन

राष्ट्रपति ने कहा, “हम लोगों के जीवन, अपने घर की रक्षा कर रहे हैं…और पश्चिम अपना वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास कर रहा है।” पश्चिमी देशों पर रूस को धमकाने का आरोप लगाकर पुतिन ने अक्सर यूक्रेन पर अपने आक्रमण को सही ठहराया है। वहीं, पश्चिमी देशों का कहना है कि रूस की सेना ने यूक्रेन पर अकारण हमला किया। उन्होंने कहा कि रूस की लड़ाई यूक्रेनी नागरिकों के खिलाफ नहीं बल्कि, शासन के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मॉस्को ने शांतिपूर्ण तरीकों से डोनबास की समस्याओं को हल करने के लिए हर संभव कोशिश की। उन्होंने कहा कि पश्चिम देशों ने यूक्रेन में वही खेल खेला है, जो उन्होंने सीरिया और इराक में किया था। उन्होंने कहा, ” डोनबास की सुरक्षा के लिए रूस ने यूक्रेन में सैन्य अभ्यास शुरू किया था। यूक्रेन में लगातार हो रहे हमलों के बाद भी डोनबास के लोग सालभर तक डटे रहे। रूस ने शांतिपूर्ण तरीकों से डोनबास की समस्याओं को हल करने के लिए हर तरह से प्रयास किए। डोनबास के लोग मानते थे, उन्हें उम्मीद थी कि रूस उनके बचाव में आएगा, लेकिन पश्चिम ने फिर वही खेल खेला।”

रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने पुतिन के संबोधन के पहले कहा कि राष्ट्रपति यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान, रूस की अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। रूस यूक्रेन में अपनी कार्रवाई को ‘विशेष सैन्य अभियान’ कहता है।

पेसकोव ने कहा कि पुतिन के व्यस्त कार्यक्रम के कारण संबोधन में देरी हुई। हालांकि, कुछ खबरों में कहा गया कि यूक्रेन में जंग के मैदान में रूसी सैन्य बलों को कई झटकों के कारण देरी हुई। पुतिन के संबोधन से पहले रूस की सरकारी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती ने कहा कि यह ऐतिहासिक होगा। रूस ने इस वर्ष अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के मीडिया संस्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया था। पेसकोव ने कहा कि प्रतिबंधित देशों के पत्रकार प्रसारण देखकर भाषण को कवर कर सकेंगे। रूसी राष्ट्रपति ने 2017 में भी राष्ट्र के नाम संबोधन को स्थगित कर दिया था। इस संबोधन को 2018 की शुरुआत में पुनर्निर्धारित किया गया था। पिछले साल रूस ने दो बड़े कार्यक्रम भी रद्द करने की घोषणा की। इनमें एक संवाददाता सम्मेलन था और दूसरा ऐसा कार्यक्रम जहां लोग राष्ट्रपति से सवाल पूछते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि विशेष अभियान शुरू होने से पहले ही पश्चिमी देश यूक्रेन को हवाई रक्षा की आपूर्ति करने के लिए बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रूस ने सालों तक पश्चिम के साथ बातचीत के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन हमेशा उसे नजरअंदाज किया गया है। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कीव का दौरा कर यूक्रेन के प्रति एकजुटता व्यक्त की थी।

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First published on: 21-02-2023 at 15:22 IST
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