मोदी सरकार पर फिर हमलावर हुए RBI के पूर्व गवर्नर, बोले- मौजूदा सरकार सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को देती है हवा
रघुराम राजन ने कहा- सरकार आर्थिक मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रही, सबसे पहले वित्तीय क्षेत्र की समस्याएं दूर होनी चाहिए

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर आर्थिक नीतियों के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में कमजोरी की एक वजह यह है कि मौजूदा सरकार अभी अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने के बजाए अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को पूरा करने पर ज्यादा जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि भारत कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को पटरी पर ला सकता है।
जब राजन से भारत की आर्थिक वृद्धि में आ रही रुकावटों के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा- “यह दु:खद कहानी है। मुझे लगता है कि इसकी वजह राजनीति है।” ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि दुर्भाग्य से मौजूदा सरकार ने पिछले साल आम चुनाव में भारी जीत के बाद आर्थिक वृद्धि पर ध्यान ही नहीं दिया है। उसकी इसी प्रवृत्ति की वजह से आर्थिक वृद्धि की गति धीमी हुई है। इसका कारण सरकार द्वारा शुरू में उठाये गये कुछ कदम भी है, जिसमें नोटबंदी और खराब तरीके से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार शामिल हैं।”
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही जो 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है। राजन ने कहा कि भारत में वित्तीय क्षेत्र की समस्या को दूर करने के लिये पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा रहे और दुर्भाग्य से इसके कारण आर्थिक वृद्धि में कमजोरी आई है। सरकार को सबसे पहले फाइनेंशियल सेक्टर की परेशानी दूर करनी चाहिए।” बताया गया है कि राजन ने यह इंटरव्यू जीडीपी के आंकड़े आने से पहले दिया था। राजन फिलहाल शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर हैं। उन्होंने सितंबर 2013 से लेकर सितंबर 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर पद संभाला था।
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