चीन के माथे पर ठंडा पसीना निकल आया, हालत पतली हो गई है- पूर्व मेजर जीडी बख्शी बोले, अर्णब ने कहा- वो भाग रहे हैं…
रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने राजनीतिक विश्लेषक मोहम्मद तौसीफ रहमान से तल्ख लहजे में कहा कि जो तमाशा ईस्टर्न लद्दाख में हुआ वह चीन की PLA ने शुरू किया था। वहां भारत की फौज ने उन्हें ईंट का जवाब पत्थर से दिया था।

चीनी सेना के पीछे हटने पर टीवी डिबेट में पूर्व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि भारतीय फौज के हौंसले देखकर चीन के माथे पर ठंडा पसीना निकल आया और उसकी हालत पतली हो गई है। प्रोग्राम के ऐंकर अर्नब ने कहा कि यही वजह है कि अब चीनी सैनिक अब भाग रहे हैं।
रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने राजनीतिक विश्लेषक मोहम्मद तौसीफ रहमान से तल्ख लहजे में कहा कि जो तमाशा ईस्टर्न लद्दाख में हुआ वह चीन की PLA ने शुरू किया था। वहां भारत की फौज ने उन्हें ईंट का जवाब पत्थर से दिया था। उनका कहना था कि भारत की फौज ने उल्टे बांस बरेली को कर दिया। कैलाश रेंज समेत तमाम ऊंचे दर्रो को फतेह किया। इससे चीन के माथे पर ठंडा पसीना निकल आया। अब वो वापस जाना चाहते हैं। चीनी सैनिक माइनस 40 डिग्री की सर्दी बर्दाश्त नहीं कर पाए।
जो तमाशा ईस्टर्न लद्दाख में किया गया वह चीन की PLA ने शुरू किया था, वहां भारत की फौज ने उन्हें ईंट का जवाब पत्थर से दिया था : रिटायर्ड मेजर जनरल जीडी बख्शी ने राजनीतिक विश्लेषक मोहम्मद तौसीफ रहमान से कहा
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उन्होंने कहा कि चीनी घबराकर अपनी तशरीफ का टोकरा वापस लेकर जाना चाहते हैं। लेकिन गलवान के बाद हम चीन पर यकीन नहीं कर सकते। फौज से गुजारिश करूंगा कि वो चौकन्ने रहें। पूरे इलाके में हमारी 60 हजार की फौज तैनात है। चीन अगर फिर से कोई हरकत करे तो उसे सबक सिखाना चाहिए। बख्शी ने कहा कि ये हमारी फौज का लोहा चखकर पीछे जा रहे हैं। चीनी सैनिकों को पता चल गया होगा कि भारत के रणबांकुरों से लोहा लेना कोई हंसी खेल नहीं है।
गौरतलब है कि चीन के सैनिक पिछले साल से एलएसी पर जोर आजमाईश कर रहे हैं। गलवान में भारतीय सेना के साथ हुई झड़प में उन्हें करारा जवाब मिला था। तब भारत के 20 सैनिकों की शहादत हुई थी, लेकिन चीन के 50 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने इस बात को आधिकारिक तौर पर कभी नहीं माना। गलवान की मुठभेड़ के बाद भारत ने एलएसी पर अपनी फौजों की तैनाती असरदार तरीके से की थी। यही वजह रही कि चीन को समझौते के लिए विवश होना पड़ा और इसकी परिणिती चीनी सेना के पीछे हटने के रूप में हुई।