Madhya Pradesh Coronavirus Highlights: शराब खरीदने वालों की अंगुलियों पर लग रही चुनाव वाली स्याही, जानें प्रशासन को क्यों उठाना पड़ा ऐसा कदम
Madhya Pradesh Coronavirus Cases Highlights: मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 89 नए केस आने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या 3100 के ऊपर पहुंच चुकी है।

Coronavirus Cases in Madhya Pradesh Highlights: मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के बीच अब प्लाज्मा थैरेपी को मंजूरी देने का फैसला किया है। दरअसल, कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य के दो जिलों- इंदौर और भोपाल में मरीजों का प्लाज्मा थैरेपी के जरिए इलाज किया गया था। बुधवार को तीन मरीजों के ठीक होने के बाद अब इस थैरेपी को आगे भी जारी रखा जाएगा।
इस बीच, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, राज्य में नौकरी के अवसरों और विकास को बढ़ावा देने के लिए, कंपनियों, दुकानों, ठेकेदारों और बीड़ी निर्माताओं के लिए पंजीकरण या लाइसेंस की प्रक्रिया अब 30 दिन के बजाय सिर्फ एक दिन में पूरी की जाएगी।
मध्य प्रदेश को लॉकडाउन के चलते भारी आर्थिक घाटा हुआ है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसला किया है कि राज्य में फैक्ट्रियों को दोबारा चालू किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए मजदूरी कानून में बदलाव की भी बात कही। फैक्ट्रियों में अब कम से कम प्रतिबंधों के साथ ज्यादा उत्पादन होगा। सरकार कामगारों के वर्किंग ऑवर्स भी बढ़ा सकती है और हर हफ्ते 72 घंटों तक ओवरटाइम की इजाजत दी जा सकती है।
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मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 89 नए मामले आए हैं। इसी के साथ राज्य में कोरोना के पॉजिटिव केस बढ़कर 3138 पहुंच गए। इनमें से 1854 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 185 लोगों की संक्रमण से जान गई है। संक्रमितों की संख्या में मध्य प्रदेश का देश में छठा नंबर है। राज्य का इंदौर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 1681 मामले सामने आ चुके हैं और 81 की जान गई है। भोपाल में भी अब तक 605 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 20 की जान गई है।
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Highlights
मध्य प्रदेश के छतरपुर के लिए रवाना होने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जाने के लिए लगभग 1200 प्रवासी कामगार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुँचे। सभी मजदूरों को बस में बिठाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया।
मध्य प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के बीच कारखानों में कामगार अब 8 घंटे के बजाय 12 घंटे तक काम कर सकते हैं। अब दुकानों और प्रतिष्ठानों को सुबह 6 से रात 12 बजे तक खुलने की अनुमति दे दी गई है।
मध्य प्रदेश में भी शराब बिक्री सशर्त मंजूरी दी है। हालांकि, मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में जो भी ग्राहक शराब खरीदने जा रहा है, उसकी अंगुलियों पर अमिट स्याही लगाई जा रही ह। इस तरह की स्याही का इस्तेमाल आमतौर पर चुनाव में मतदान के दौरान किया जाता है। बताया जा रहा है कि यह इसलिए किया जा रहा है ताकि एक ग्राहक दिन में सिर्फ एक बार ही शराब की दुकान पर आए। हालांकि, मध्य प्रदेश लिकर एसोसिएशन के मुताबिक, ग्राहकों की अंगुली में स्याही लगाने को लेकर कोई आदेश नहीं आया है। न ही राज्य सरकार ने ऐसा आदेश दिया है।
भोपाल में आसपास के जिलों के हजारों स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं। लॉकडाउन के कारण वे घर नहीं जा पाए। मजदूरों की वापसी के साथ ही छात्र-छात्राओं को भी उम्मीद जगी थी कि शायद उनकी भी घर वापसी होगी। छात्र-छात्राओं ने जब एसडीएम कार्यालय में संपर्क किया तो बताया गया काटजू अस्पताल के पास से बसें रवाना होंगी। इसी उम्मीद के साथ छात्र-छात्राएं 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलकर काटजू अस्पताल के पास निर्माणाधीन भवन में बनाए गए कैंप में पहुंचे। लेकिन वहां से छात्र-छात्राओं को बैरंग लौटना पड़ा। अधिकारियों ने घर वापसी का आदेश नहीं होने की बात कही।
भोपाल के वाजपेयी नगर के रहने वाले शिवकुमार प्रजापति की पत्नी ज्ञान देवी किराने का सामान खरीदने जा रही थीं। शिवकुमार कुछ दूर तक उनके पीछे गए, फिर लौट लिए। इसी बीच दो पुलिसकर्मी पहुंचे। बेवजह घर से निकलने और मास्क नहीं पहनने के कारण वे लोगों पर लाठी बरसाने लगे। ये देखकर शिवकुमार घर की ओर भागे। इस बीच दर्जन भर पुलिसकर्मी और वहां पहुंच गए। वे उनकी बिल्डिंग में घुसकर लोगों को मारने लगे। इससे शिवकुमार डर गए। पुलिस उनके कमरे तक पहुंचती, इससे पहले ही उन्होंने बालकनी से छलांग लगा दी। उनके दोनों पांव फ्रैक्चर हो गए।
मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। सूबे में संक्रमितों की संख्या 3255 पहुंच गई है। इंदौर में अब तक 1699 और भोपाल में 656 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 190 की मौत हो गई है। जबलपुर में तीन महीने की बच्ची की जान चली गई।
एशिया के सबसे बड़े मदरसा दारुल उलूम से कोरोना पॉजीटिव शोएब राईन और आरक्षी रहीस के बेटे इस्लाम को शिवपुरी लाने के लिए 3 मई को ई-पास जारी हुआ है। इस ई-पास को लेकर बुधवार को कलेक्टेरेट में छानबीन हुई, लेकिन उसकी फाइल नहीं मिली। ई-पास का काम देख रहे सहायक ग्रेड-3 विमल श्रीवास्तव, कंप्यूटर ऑपरेटर करन भटनागर और अविनाश आदिवासी देर शाम निलंबित कर दिए गए। डिप्टी कलेक्टर पर कार्रवाई को लेकर कलेक्टर अनुग्रहा पी ने बताया, ई-पास वाली फाइल उक्त तीनों में से ही किसी ने गायब की है। ई-पास के बारे में डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता को जानकारी ही नहीं, इसलिए तीनों को निलंबित किया गया है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद के लिए शिवपुरी से जारी ई-पास का मामला तूल पकड़ गया है। पुलिस आरक्षी के भांजे अकील उद्दीन के नाम से 3 मई को जारी ई-पास की फाइल कलेक्टरेट से गायब हो गई है। मामले में प्रशासन ने तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। ई-पास को लेकर स्थानीय लोग आपत्ति उठा रहे हैं। डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता के हस्ताक्षर से ई-पास जारी हुआ है। लोग डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आईसीएमआर लैब और डीआरडीई ग्वालियर से बुधवार रात जबलपुर की 132 जांचों की रिपोर्ट मिलीं। इनमें कोरोना के पांच नए केस सामने आए। इनमें तीन साल की एक बच्ची भी शामिल है। इस बच्ची को 4 मई की शाम 7 बजे बुखार और बेहोशी की हालत में नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग वार्ड में भर्ती कराया गया था। बच्ची को बचाया नहीं जा सका। मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई। उसके लिए गए सैंपल की रिपोर्ट बुधवार को आई, जो पॉजिटिव थी।
मध्य प्रदेश में अगर मजदूरों को गैरकानून एक से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। परिवहन आयुक्त ने सूबे के सभी जिला परिवहन अधिकारियों को आदेश दिया है कि कहीं भी मजदूरों की अवैध शिफ्टिंग नहीं होनी चाहिए। ऐसा करने पर वाहन मालिकों और ड्राइवरों पर कार्रवाई होगी। इस तरह शिफ्टिंग से कोरोना फैलने का खतरा है।
मध्य प्रदेश और देश के अन्य राज्यों में फंसे करीब 600 कश्मीरी छात्र अपने घर पर ईद मना पाएंगे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इन छात्रों को घर भेजने की मांग की थी। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। अमित शाह ने मंजूरी दे दी है। मध्य प्रदेश में फंसे करीब 600 छात्रों को 9 मई को कश्मीर भेजा जाएगा। आजा यानी गुरुवार को पहले फेज में हरियाणा और चंडीगढ़ भेजा जा रहा है।
यही नहीं, मध्य प्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1982 के कुछ प्रावधानों में भी छूट मिल सकती है। सरकार ने अनावश्यक निरीक्षणों में भी छूट के प्रावधान की प्लानिंग की है। श्रम कानूनों एवं कारखानों से जुड़ी लगभग 20 सेवाओं को लोक सेवाओं से जोड़ने की तैयारी है, ताकि एक दिन में पंजीकरण या लाइसेंस की मंजूरी दी जा सके।
माना जा रहा है कि प्रदेश में अब दुकानें खोलने का अधिकतम समय रात 12:00 बजे किया जा सकता है। इसके अलावा भी कई और सहूलियत हैं जो श्रम कानूनों के तहत मिलने सकती हैं। कारखाना अधिनियम में 120 धाराओं में से लगभग 90 धाराओं में छूट प्रदान की जा सकती है। कारखाना मालिकों के लिए दो की जगह एक रिटर्न की व्यवस्था हो सकती है।
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य से बाहर फंसे 1 लाख 5 हजार श्रमिकों के खाते में 10 करोड़ 50 लाख ट्रांसफर कर दिए हैं। प्रत्येक मजदूर के खाते में 1 हजार रुपए भेजे गए हैं। सरकार के मुताबिक, इसके पहले भी भी 700 से ज्यादा श्रमिकों के खाते में भेजे गए थे 1-1 हजार रुपए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, राज्य में नौकरी के अवसरों और विकास को बढ़ावा देने के लिए, कंपनियों, दुकानों, ठेकेदारों और बीड़ी निर्माताओं के लिए पंजीकरण या लाइसेंस की प्रक्रिया अब 30 दिन के बजाय सिर्फ एक दिन में पूरी की जाएगी।
मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित शहर इंदौर में गुरुवार को राहत की खबर है। परसों के मुकाबले कल शहर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या में कमी आई। बुधवार देर रात 556 सैंपल की जांच रिपोर्ट आई। इसमें से 538 मरीजों का टेस्ट निगेटिव आया। 18 की रिपोर्ट ही पॉजिटिव आई है। यानी पॉजिटिव मरीज मिलने की दर 3.23 फीसदी हो गई है। हालांकि अभी 600 सैंपल की जांच होना बाकी है। ये सैंपल जांच के लिए निजी लैब भेजे गए हैं।
नए प्लान में कारोबारी और उद्योगपतियों को सहूलियत देने के साथ श्रमिकों को रोजगार देने के लिए 1000 दिन की कार्ययोजना भी शामिल की गई है। इसके तहत सरकार कारखानों में कम से कम निवेश करते हुए ज्यादा से ज्यादा उत्पादन की योजना बना रही है। सरकार मालिकों को कारखानों में श्रमिक की शिफ्ट बढ़ाने और सप्ताह में 72 घंटे तक ओवरटाइम देने की मंजूरी दे सकती है।
मध्य प्रदेश सरकार कोरोना आपदा के बाद आर्थिक स्थिति सुधारने और रोजगार की चुनौती से निपटने के लिए कुछ बड़े कदम उठा सकती है। खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान श्रम सुधारों को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं। इसके तहत जल्द ही राज्य भर में श्रम सुधार का एक नया मॉडल लॉन्च किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि पूरा प्लान तैयार है।
संबल योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार 12वीं कक्षा में अधिकतम अंक लाने वाले 5000 छात्रों को 30 हजार रुपये का पुरस्कार देगी। सरकार ने 'सुपर 5000' नाम से एक योजना की शुरुआत की है। इससे संबल परिवार के बच्चों की मदद होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह फैसला जन कल्याण संबल योजना के तहत लिया है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने योजना पर रोक लगा दी थी। यह योजना कम आय वाले परिवारों को मदद करने के लिए शुरू की गई थी।
मध्य प्रदेश सरकार ने मंगलवार को संबल योजना काे रिलांच कर दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना को लांच करते हुए कहा कि यह योजना गरीबों को उनके जन्म के पहले और मौत के बाद तक लाभ पहुंचाती है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि इस समय हम सब महामारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में लोगों की जिंदगी में सहारा देने वाली संबल योजना को फिर से शुरू की है।
पहले भोपाल, इंदौर, उज्जैन, धार, खंडवा और खरगोन से अन्य जिलों में जाने के लिए मेडिकल इमरजेंसी, मृत्यु और शादी वालों को ही ई-पास जारी होता था। उसके अलावा किसी को ई-पास जारी नहीं किया जा रहा था। नए दिशा-निर्देशों में इसमें भी छूट दी गई है। अब इन जिलों से भी लोग ई-पास के जरिए मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में जा सकेंगे। इसके लिए कलेक्टर से मंजूरी लेनी होगी।
प्रदेश में कोरोना हॉटस्पॉट जिलों में फंसे लोग ई-पास लेकर अपने घर जा पाएंगे। मध्य प्रदेश कंट्रोल रूम के प्रभारी और अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने नए निर्देश जारी किए हैं। अभी प्रदेश या दूसरे राज्य के हॉटस्पॉट जिलों से आने-जाने की अनुमति नहीं थी। इसके लिए दूसरे राज्य के हॉटस्पॉट जिलों में फंसे लोगों को घर आने के लिए मैप-आईटी के पोर्टल पर अपने वाहन नंबर समेत एप्लीकेशन देनी होगी।