जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश में दी सीबीआई को एंट्री, चंद्रबाबू पर पार्टी का तंज- चोर बख्शे नहीं जाएंगे
सीबीआई को राज्य में जांच के लिए राज्य सरकार की रजामंदी की जरूरत होती है। यह रजामंदी समय-समय पर बढ़ा दी जाती है।

आंध्र प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम ने राज्य में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच के लिए ‘सामान्य रजामंदी’ दे दी है। सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के उस फैसले को पलट दिया है जिसमें राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को सीबीआई जांच के लिए ‘सामान्य रजामंदी’ वापस ले ली गई थी।
सीएम के इस फैसले की पुष्टि उनकी पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) के महासचिव विजयसाई रेड्डी ने की है। कांग्रेस नेता ने कहा सीएम जगह मोहन ने गृह मंत्रालय के समक्ष सीबीआई के राज्य में जारी प्रतिबंध को खत्म करने के लिए रजामंदी दे दी है। चंद्रबाबू ने सीबीआई को प्रतिबंधित किया था। उन्होंने आईटी विभाग के छापों को रोका, उन्होंने सवाल उठाए थे कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) राज्य में कैसे दखलअंदाजी कर सकता है। लेकिन राज्य में अब चोर बख्शे नहीं जाएंगे।’
उन्होंने कहा ‘इस फैसले से चंद्रबाबू और उनके पूर्व कैबिनेट के मंत्रियों की मुश्किलें निश्चित तौर पर बढ़ने वाली हैं। क्योंकि अब सीबीआई शिकायतों के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ा सकेगी।’
बता दें कि पिछले साल 3 अगस्त 2018 को चंद्रबाबू ने केंद्र को सीबीआई के लिए दी ‘सामान्य रजामंदी’ को वापस ले लिया था जिसके अगले दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ऐसा ही ऑर्डर जारी कर दिया था। इस दौरान दोनों दल मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे थे। नायडू ने कहा था कि केंद्र सरकार राज्यों और विपक्ष के नेताओं के खिलाफ सीबीआई और अन्य केंद्रीय जांच एजंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है।
बता दें कि सीबीआई को राज्य में जांच के लिए राज्य सरकार की रजामंदी की जरूरत होती है। यह रजामंदी समय-समय पर बढ़ा दी जाती है। लेकिन पहले कभी इसपर इतना विरोधाभास नहीं दिखा जितना ममता सरकार और नायडू सरकार ने दिखाया। दोनों नेताओं के इस कदम से देशभर में इसपर विवाद भी हुआ।