संयुक्त किसान मोर्चा से योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। किसान मोर्चा ने ये कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि योगेंद्र यादव ने लखीमपुर हिंसा में मारे गए BJP कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिवार से मुलाकात की थी। जब से योगेंद्र यादव ने ये कदम उठाया था, उसके बाद से ही किसानों के बीच उनका विरोध हो रहा था और उन पर कार्रवाई की मांग उठ रही थी।
बता दें कि हालही में देश में लखीमपुर हिंसा का मामला काफी गरमाया हुआ था। इसी दौरान योगेंद्र यादव हिंसा में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के भी घर गए थे और उनके परिजनों के साथ अपने ट्विटर अकाउंट पर तस्वीरें साझा की थीं। यादव ने इस दौरान ये भी लिखा था कि हम बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए लेकिन परिवार ने हम पर गुस्सा नहीं किया, बस दुखी मन से ये पूछा कि क्या हम किसान नहीं हैं? हमारे बच्चे का क्या कसूर था?
कौन हैं योगेंद्र यादव
योगेंद्र यादव एक सामाजिक कार्यकर्ता और चुनाव विश्लेषक हैं। वह साल 2015 तक आम आदमी पार्टी के सदस्य रहे लेकिन इसी साल उन्हें आप से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने प्रशांत भूषण के साथ मिलकर स्वराज अभियान संगठन की स्थापना की थी। ये संगठन भारतीय किसानों की गंभीर समस्याओं के मुद्दों पर काम करता है।
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को यूपी के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने से 4 किसान और एक पत्रकार की मौत हो गई थी, इस दौरान 4 बीजेपी के कार्यकर्ताओं की भी मौत हुई थी। इस हिंसा के आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगे हैं, जिसमें आशीष की गिरफ्तारी भी हुई है।
बता दें कि लखीमपुर हिंसा मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार की कार्यशैली पर अपनी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि इस मामले में राज्य सरकार अपने पैर खींच रही है। कोर्ट की इस टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि, जो लोग योगी को सीएम पद से हटाना चाह रहे हैं, इससे उन्हें मौका मिल गया है।