नसीरुद्दीन शाह के बयान पर रामदेव का पलटवार- जिसे भारत में डर लगता है, वह जहां चाहे जाए
वीडियो में नसीरुद्दीन कहते सुनाई देते हैं, ''ये जहर फैल चुका है और इसको दोबारा इस जिन्न को बोतल में बंद करना बड़ा मुश्किल होगा.. खुली छूट मिल गई है कानून को अपने हाथों में लेने की.. कई इलाकों में हम लोग देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है एक पुलिस अफसर की मौत के बनिस्बत...

बुलंदशहर हिंसा और मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर आए बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान पर राजनीतिक समेत तमाम हस्तियों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। योगगुरु रामदेव ने भी इस पर अपनी राय जाहिर की है। पत्रकारों ने जब नसीरुद्दीन के बयान पर सवाल किया तो रामदेव ने कहा, ”जिनको सेफ जगह नहीं लगती हिंदुस्तान वो जहां जाना चाहे, बस जाए।” बता दें कि ‘कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया’ नाम के यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर हिंसा और मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर अपने चिंता जाहिर की थी। वीडियो में नसीरुद्दीन कहते सुनाई देते हैं, ”ये जहर फैल चुका है और इसको दोबारा इस जिन्न को बोतल में बंद करना बड़ा मुश्किल होगा.. खुली छूट मिल गई है कानून को अपने हाथों में लेने की.. कई इलाकों में हम लोग देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है एक पुलिस अफसर की मौत के बनिस्बत..।”
वह आगे कहते हैं, ”मैंने अपने बच्चों को मजहबी तालीम बिल्कुल भी नहीं दी.. क्योंकि मेरा यह मानना है कि अच्छाई या बुराई का मजहब से कुछ भी लेना-देना नहीं है। अच्छाई और बुराई के बारे में जरूर उनको सिखाया.. जो हमारे विश्वास हैं दुनिया के बारे में वो हमने उनको सिखाए..कुरान शरीफ की एकाध आयत याद जरूर करवाई क्योंकि मेरा मानना है कि उससे तलफ्फुज सुधरता है.. उसके रियाज से.. जिस तरह से हिंदी का तलफ्फुज सुधरता है रामायण या महाभारत पढ़के हकीकत में.. और खुशकिस्मती मैंने बचपन में अरबी.. कुरान शरीफ पढ़ी थी.. कई आयतें अब भी याद हैं..उसकी वजह से मेरे ख्याल से मेरा तलफ्फुज..
..तो फिक्र मुझे होती है मेरे बच्चों के बारे में क्योंकि कल को उन्हें कोई अगर एक भीड़ ने घेर लिया कि तुम हिंदू हो या मुसलमान.. तो उनके पास तो कोई जवाब ही नहीं होगा। इस बात की फिक्र होती है कि हालात जल्दी सुधरते तो मुझे नजर नहीं आ रहे।”
बॉलीवुड अभिनेता ने कहा, ”इन बातों से मुझे डर नहीं लगता, गुस्सा आता है। और मैं चाहता हूं कि हर राइट थिंकिंग इंसान को गुस्सा आना चाहिए.. डर नहीं लगना चाहिए.. हमारा घर है, हमें कौन निकाल सकता है यहां से.. मजहबी तालीम मुझे जरूर मिली थी, रत्ना को बहुत कम मिली थी.. मुझे थोड़ा ज्यादा मिली थी.. उसको बिल्कुल भी नहीं.. वह एक लिबरल हाउसहोल्ड थी।” शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने कहा, ”नसीरुद्दीन शाह भी सिर्फ ऐसे ही मौके पर बात करते हैं, जब हमारे जवान शहीद होते हैं तब नसीरुद्दीन शाह कुछ बात नहीं करते हैं। ऐसा क्यों?”
देखें रामदेव ने क्या कहा
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