वायुसेना कर्मी की हत्या और पूर्व गृह मंत्री की बेटी के अपहरण मामले में यासीन मलिक पर चलेगा मुकदमा
मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं। उसे एनआइए ने आतंकवाद और अलगाववादी संगठनों को धन मुहैया करने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है।

वायुसेना के एक कर्मी की गोली मार कर हत्या करने और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के करीब 30 साल पुराने मामलों में बृहस्पतिवार को जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ मुकदमे का मार्ग प्रशस्त हो गया। दरअसल, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने वर्ष 2008 के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसके तहत सुनवाई श्रीनगर स्थानांतरित की गई थी।
न्यायमूर्ति संजय कुमार गुप्ता ने 27 पृष्ठों के अपने फैसले में हाई कोर्ट की एकल पीठ के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसने 1995 में मलिक के खिलाफ मुकदमे को स्थगित करने के अलावा यह भी कहा था कि 25 अक्तूबर 2008 का जम्मू की विशेष टाडा अदालत का आदेश सही नहीं था। दरअसल, टाडा अदालत ने मुकदमे को श्रीनगर स्थानांतरित करने की मलिक की याचिका स्वीकार की थी। मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में हैं।
उसे एनआइए ने आतंकवाद और अलगाववादी संगठनों को धन मुहैया करने से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है। मलिक के खिलाफ इन दोनों मामलों में एक मामला श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में 25 जनवरी 1990 को वायुसेना के एक अधिकारी की हत्या करने का है। वहीं, दूसरा मामला 1989 में सईद की बेटी रूबिया के अपहरण से संबद्ध है। सीबीआइ ने इस सिलसिले में अगस्त और सितंबर 1990 में दो आरोपपत्र दाखिल किए थे।