Opposition Presidential candidate Yashwant Sinha: राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से 18 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए समर्थन मांगा है। सिन्हा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी फोन किया और उन्हें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की प्रतिबद्धता की याद दिलाई जब उन्हें राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर नामित किया गया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सूत्रों ने कहा, “हमने अपना अभियान शुरू कर दिया है और चुनाव में उनका समर्थन लेने के लिए सभी तक पहुंचेंगे।”
एनसीपी ने बताया कि सिन्हा ने पीएम मोदी और श्री सिंह के कार्यालयों में फोन किया और उनकी उम्मीदवारी के समर्थन के लिए एक संदेश छोड़ा। पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने अपने राजनीतिक गुरु और बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी संपर्क किया। सिन्हा सोमवार को शीर्ष विपक्षी नेताओं की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं।
सोरेन और देवगौड़ा भी मुर्मू के समर्थन में आए
झारखंड मुक्ति मोर्चा और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेकुलर) को राष्ट्रपति पद की राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में जाते हुए देखा जा रहा है। मुर्मू ने शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। सिन्हा, जिनके शुक्रवार को अपने गृह राज्य झारखंड से राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना अभियान शुरू करने की उम्मीद थी, को तब इसमें विलंब करने के लिए मजबूर होना पड़ा जब यह सामने आया कि जेएमएम चीफ हेमंत सोरेन संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मुर्मू के पक्ष में झुकते हुए दिखाई दे रहे हैं।
यशवंत सिन्हा ने सभी विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र
इस बीच, सिन्हा ने उन सभी विपक्षी नेताओं को एक पत्र लिखा, जिन्होंने उन्हें 18 जुलाई को होने वाले चुनावों के लिए अपने आम उम्मीदवार के रूप में चुना है। सिन्हा ने कहा, “मैं आपको और भारत के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि अगर मैं निर्वाचित होता हूं तो बिना किसी डर या पक्षपात के, भारतीय संविधान के मूल मूल्यों और मार्गदर्शक आदर्शों को ईमानदारी से कायम रखूंगा। मैं आपसे और आपकी पार्टी के सांसदों और विधायकों से आपका समर्थन और मार्गदर्शन लेने के लिए मिलने की उम्मीद करता हूं।” उन्होंने कहा कि वह सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद अधिक से अधिक राज्यों की राजधानियों का दौरा करके अपने अभियान की शुरुआत करने की योजना बना रहे हैं।