पहलवानों का धरना प्रदर्शन खत्म हो गया है और सरकार ने उनकी सभी मांगों को मानने का आश्वासन दिया है। साथ ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) ने कहा कि आरोपों की जांच तक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह फेडरेशन (Wrestling Federation of India Brijbhushan Sharan Singh) के रोजाना कामकाज में हिस्सा नहीं लेंगे। वहीं अब पहलवानों के आरोपों पर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि पहलवानों ने अभी तक एक भी सबूत पेश नहीं किया है।
सारे आरोप निराधार हैं- WFI के सहायक सचिव
पहलवानों के विरोध और आरोपों पर WFI के सहायक सचिव विनोद तोमर (Vinod Tomar) ने कहा कि मैं बृजभूषण सिंह के साथ 12 सालों से जुड़ा हुआ हूं, वो ऐसे नहीं हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “आरोप निराधार हैं। ऐसा कुछ नहीं है। 3-4 दिन हो गए हैं और उन्होंने अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया है। मैं पिछले 12 सालों से उनके साथ जुड़ा हुआ हूं और मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा है।”
वहीं कुश्ती संघ के एजीएम में बृजभूषण सिंह के शामिल होने को लेकर सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। विनोद तोमर ने कहा, “मुझे नहीं पता कि वह (WFI प्रमुख) कल बैठक में शामिल होंगे या नहीं। लेकिन अगर वह आतेे हैं, तो वह वहां अध्यक्ष के रूप में नहीं रहेंगे। वह कम से कम जनरल काउंसिल को बता सकतेे हैं कि वह अपनी इच्छा से खुद को दूर कर रहें हैं। लेकिन यह निश्चित नहीं है कि वह वहां होंगे या नहींं।”
बृज भूषण शरण सिंह के WFI से इस्तीफे को लेकर विनोद तोमर ने कहा कि जांच जारी है। उन्होंने कहा, “जब तक जांच जारी है तब तक उन्होंने खुद को अलग रखा है। उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन जांच समाप्त होने तक डब्ल्यूएफआई की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से खुद को दूर कर लिया है, ताकि जांच प्रभावित न हो।” (यह भी पढ़ें: दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के आरोप बृज भूषण पर लग चुके हैं।)
वहीं भारत के पहलवानों द्वारा WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए IOA ने जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के सदस्य योगेश्वर दत्त भी हैं। उन्होंने कहा, “मामले की जांच गंभीरता से की जाएगी। जो भी दोषी होंगे उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।अगर आरोप झूठे निकलते हैं तो ये पता किया जाएगा कि ये क्यों लगाए हैं और इन्हें लगाने का क्या मकसद है?”