Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव ने विश्व नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ज्यादा ध्यान देने के लिए मजबूर किया है। वह पुणे में आरएसएस के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित एक आभार समारोह में बोल रहे थे।

भागवत ने कहा कि संघ की 100 साल की यात्रा उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों को निभाने के लिए है। उन्होंने कहा, “यद्यपि संघ ने चुनौतियों का सामना करते हुए और अनेक तूफानों का सामना करते हुए 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं, फिर भी यह आत्मचिंतन का समय है कि संपूर्ण समाज को एकजुट करने के कार्य में इतना समय क्यों लगा।”

मोहन भागवत ने पीएम मोदी की तारीफ की

भारत की बढ़ी हुई अंतरराष्ट्रीय छवि पर भागवत ने कहा कि दुनिया “प्रधानमंत्री की बात सुन रही है क्योंकि भारत की ताकत वहां दिखाई दे रही है जहां उसे दिखाई देना चाहिए”। उन्होंने याद किया कि एक बार उनसे कहा गया था कि संघ “30 साल देरी से पहुंचा है”, जिस पर उन्होंने जवाब दिया था कि संगठन हमेशा सक्रिय रहा है, लेकिन उसकी बात सुनी ही नहीं गई। उन्होंने कहा कि लोग दबाव से नहीं, बल्कि “संवाद और सामूहिक कार्य की ताकत” से आकर्षित होते हैं।

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हमें साथ-साथ चलना होगा- मोहन भागवत

मोहन भागवत ने आगे कहा, “इतिहास गवाह है कि जब भारत का उत्थान होता है, तो वैश्विक समस्याएं कम होती हैं और शांति स्थापित होती है। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियां भारत से यही अपेक्षा करती हैं, और संघ के स्वयंसेवक पहले दिन से ही इसी संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं।” विविधता में एकता पर जोर देते हुए, भागवत ने कहा कि भारत में सभी दर्शन एक ही स्रोत से उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा, “हमें साथ-साथ चलना होगा, और इसके लिए धर्म आवश्यक है। चूंकि सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें सद्भाव के साथ आगे बढ़ना होगा।”

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