आगरा के एक थाने के मालखाने से नगदी चुराने के आरोप में गिरफ्तार एक व्यक्ति की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। मृतक के परिवार से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर ही रोक लिया। इस दौरान जमकर ड्रामा हुआ, इसके बाद कार्यकर्ताओं की भीड़ देखते हुए उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया।
हिरासत में जब प्रियंका गांधी को रोका गया था तो महिला पुलिसकर्मियों को वहां तैनात किया गया था। इस दौरान वह पुलिसकर्मी प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी लेते हुए दिखाई दीं। यह तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर सामने आईं तो इस पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
कांग्रेस ने सेल्फी की इस तस्वीरों को साझा करते हुए इसे नारी शक्ति से जोड़ा तो वहीं विरोध में इस तस्वीर में प्रियंका गांधी के मुस्कुराने पर सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर लिखा कि प्रियंका गांधी के साथ महिला पुलिसकर्मियों की तस्वीर बयान कर रही है कि नारीशक्ति को भरोसा है, विश्वास है। उन्होंने लिखा कि हम नारीशक्ति को सशक्त बनाएंगे, हम नारीशक्ति को अधिकार दिलाएंगे।
वहीं सीनियर टीवी जर्नलिस्ट उमाशंकर सिंह (@Umashankarsingh) ने लिखा कि बिना बल प्रयोग किए महिला पुलिसकर्मियों ने प्रियंका गांधी वाड्रा को कितनी देर रोके रखा, उन्होंने लिखा कि रोकना ही था न चाहे जैसे रोकें। पत्रकार श्रेया ढौंढियाल (@shreyadhoundial) लिखती है सेल्फी टाइम कहीं भी हो सकता है फिर चाहे आप हिरासत में ही क्यों न लिए गए हों।
एनडीटीवी एंकर संकेत उपाध्याय (@sanket) ने लिखा कि यह एक अच्छी तस्वीर है जिसे एक अच्छे नज़रिए से ही देखना चाहिए। लेकिन अब आप क्रॉनॉलॉजी समझिए। अब यूपी पुलिस इन अधिकारियों से सवाल करेगी, या इनके ख़िलाफ़ कुछ ऐक्शन भी सम्भव है। फिर होगी राजनीति। और फिर ‘एज यूज़ुअल’ बवाल।
बताते चलें कि पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि आगरा के जिलाधिकारी ने लखनऊ पुलिस से लिखित अनुरोध किया था कि राजधानी से आगरा आने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं को कानून-व्यवस्था के मद्देनजर वहां न आने दिया जाए। उन्होंने कहा, इसी कारण कांग्रेस महासचिव और उनके साथ जा रहे अन्य लोगों को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ सीमा के अंदर ही रोक दिया गया।
उल्लेखनीय है कि आगरा के जगदीशपुरा थाने से के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के आरोप में वहां सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने वाले अरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी। मंगलवार की रात अरुण की निशानदेही पर चोरी के पैसे बरामद करने के लिए उसके घर की तलाशी ली जा रही थी, उसी दौरान आरोपी की तबियत बिगड़ने लगी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया हुआ घोषित कर दिया।