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क्या राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म होने से बीजेपी को होगा बड़ा नुकसान?

Rahul Gandhi की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने पर उनका विरोध करने वालों ने भी उनका समर्थन किया है।

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Rahul Gandhi की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है (ANI Image)

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने से बीजेपी के नेता बहुत ज्यादा उत्साहित है। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी का पहले से ही असंसदीय आचरण रहा है, अहंकार इनका दिखता रहा है। क्या एक भी सही राय देने वाला कांग्रेस में नहीं बचा या जानबूझकर गलत सलाह दी गई। राहुल गांधी ने पहले ही अपने पार्टी का अध्यादेश फाड़ दिया था आज उन्हीं की पार्टी में से किसी ने खेल कर दिया इन्हें पता नहीं चला।

वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी पर कोर्ट के ऑर्डर के बाद के बाद लिए गए एक्शन को लेकर पूरे विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है। आमतौर पर राहुल गांधी की खिलाफत करने वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इस मसल पर बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज देश में जो चल रहा है, बहुत ख़तरनाक है। विपक्ष को ख़त्म करके ये लोग ‘वन-नेशन वन-पार्टी’ का माहौल बनाना चाहते हैं, इसी को तो तानाशाही कहते हैं। मेरी देशवासियों से अपील है- हमें मिलकर आगे आना होगा, जनतंत्र बचाना है, देश बचाना है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि लोकसभा से राहुल गांधी का निष्कासन चौंकाने वाला है। देश बहुत कठिन दौर से गुज़र रहा है। पूरे देश को इन्होंने डरा कर रखा हुआ है। 130 करोड़ लोगों को इनकी अहंकारी सत्ता के ख़िलाफ़ एकत्र होना होगा।

आमतौर पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। टीएमसी चीफ ने कहा कि विपक्षी नेता अब ‘भाजपा का मुख्य निशाना’ बन गए हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री मोदी के ‘नए भारत’ में विपक्षी नेता भाजपा का मुख्य निशाना बन गए हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाता है और विपक्ष के नेताओं को उनके भाषण के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाता है। आज हम इसके गवाह बने हैं कि यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के लिए न्यूनतम स्तर है।”

शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त किए जाने को लोकतंत्र की “हत्या” करार दिया और कहा कि यह “तानाशाही” के अंत की शुरुआत है। ठाकरे ने एक बयान में कहा कि चोर को चोर कहना अपराध बन गया है, जबकि देश को “लूटने वाले” बाहर हैं।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, “यह निंदनीय है कि भाजपा अब आपराधिक मानहानि के जरिये विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है और उन्हें अयोग्य ठहरवा रही है, जैसा अब राहुल गांधी के साथ हुआ है। विपक्ष के खिलाफ ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। इस तरह के अधिनायकवादी प्रहार का प्रतिरोध किया जाए और इसे पराजित किया जाए।”

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे संघ परिवार की तरफ से देश के “लोकतंत्र पर हिंसक हमला” करार दिया। विजयन ने एक बयान में कहा कि ‘जल्दबाजी’ में राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना लोकतंत्र पर संघ परिवार की तरफ से हमले का ‘नया अध्याय’ है। उन्होंने कहा, “असहमति को ताकत के जरिये दबाना फासीवादी तरीका है।”

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First published on: 24-03-2023 at 19:19 IST
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