Gautam Adani on FPO Withdrawal : हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) के खुलासे के बाद से अडाणी ग्रुप (Adani group) के शेयरों में गिरावट का दौरा लगातार जारी है। बुधवार अडानी ग्रुप के शेयरों में करीब 30 फीसदी की गिरावट के बाद कंपनी ने अपना एफपीओ (FPO) वापस ले लिया है। अडाणी ग्रुप के एफपीओ में सबसे अधिक निवेशन कॉरपोरेट और विदेशी निवेशकों ने किया था। एफपीओ में निवेश के लिए खासा उत्साह भी देखने को मिला था। अडाणी एंटरप्राइजेस लिमिटेड के एफपीओ में अपने इश्यू प्राइज से 1.12 फीसदी तेजी देखी गई।
क्यों लिया फैसला
अडाणी एंटरप्राइजेस (Adani Enterprises) लिमिटेड का पिछले दिनों एफपीओ लाया गया था। इससे कंपनी ने 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मंगलवार को कॉरपोरेट्स और विदेशी निवेशकों ने अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के एफपीओ को बेलआउट कर दिया था। अडाणी ग्रुप के शेयरों में बुधवार को भारी गिरावट देखने को मिली। इनमें अडाणी ग्रुप के दो शेयरों ने निवेशकों को सबसे ज्यादा निराश किया। अडाणी एंटरप्राइजेस के शेयरों में करीब 28 फीसदी और अडाणी पोर्ट के शयरों में 19 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
गौतम अडाणी ने क्या कहा
एफपीओ को वापस लेने के फैसले पर अडानी ग्रुप के अध्यक्ष गौतम अडाणी ने कहा कि ” पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सर्वोपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने FPO वापस ले लिया है। इस निर्णय का हमारे मौजूदा परिचालनों और भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम समय पर क्रियान्वयन पर ध्यान देना जारी रखेंगे।
क्या होता है एफपीओ
एफपीओ का पूरा नाम फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (follow-on public offer) होता है। इसके जरिए शेयर बाजार में पहले से लिस्टेड कंपनियां फंड जुटाने के लिए निवेशकों को ऑफर करती हैं। जब भी कंपनी बाजार में एफपीओ लेकर आती है तो उसका एक बेस प्राइस तय करती है। इसमें जिन लोगों के पास कंपनी के पहले से शेयर मौजूद हैं उनके अलावा नए निवेशक भी निवेश कर सकते हैं. जब कंपनी पहली बार अपने शेयर बाजार में लाती है तो उसे आईपीओ (IPO) कहा जाता है। आईपीओ आने के बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड हो जाती है। हालांकि जब लिस्टेड कंपनी इसके बाद निवेशकों को ऑफर करती है तो उसे एफपीओ कहा जाता है।
15वें नंबर खिसके गौतम अडाणी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है। इस रिपोर्ट के आने से पहले गौतम अडाणी की कुल संपत्ति करीब 120 अरब थी। अब इसमें 45 अरब रुपये की गिरावट आ चुकी है। सितंबर में गौतम अडाणी 155 अरब रुपये की संपत्ति के साथ दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे। इस गिरावट के बाद गौतम अडाणी अब दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 15वें नंबर पर पहुंच गए हैं वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी इस लिस्ट में 9वें नंबर पर आ गए हैं।