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जब सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के बाद अमित शाह को भी जाना पड़ा था जेल, दो साल रहे गुजरात से बाहर

गृहमंत्री अमित शाह के ऊपर सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले मामले में अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने का आरोप लगाया गया था। 

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देश के गृहमंत्री अमित शाह के लिए साल 2010 से 2012 का समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा था और सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में जेल भी जाना पड़ा था। (फोटो – पीटीआई)

आज भारतीय राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी के बाद अगर किसी शख्स को बेहद ही पावरफुल माना जाता है तो वो हैं देश के वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह। अमित शाह को राजनीतिक विश्लेषक भाजपा का चाणक्य भी मानते हैं। कहा यह भी जाता है कि वर्तमान भाजपा सरकार में प्रधानमंत्री मोदी के बाद सबसे ज्यादा फैसले लेने का हक़ अमित शाह को ही है। लेकिन देश के गृहमंत्री अमित शाह के लिए साल 2010 से 2012 का समय काफी चुनौतीपूर्ण रहा था। अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में जेल भी जाना पड़ा था और उन्हें दो साल के लिए गुजरात से बाहर भी जाना पड़ा था।

दरअसल 23 नवंबर 2005 को गुजरात का रहने वाला गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख अपनी पत्नी कौसर बी के साथ एक बस में हैदराबाद से अहमदाबाद जा रहा था। लेकिन रात के करीब 1:30 बजे गुजरात पुलिस के एंटी-टेरर स्क्वॉड ने महाराष्ट्र के सांगली में बस रुकवाई सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी को बस से उतार लिया। इस घटना के 3 दिन बाद यानी 26 नवंबर 2005 की सोहराबुद्दीन की गोली लगने से मौत हो गई थी जिसे गुजरात पुलिस के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल डीजी वंजारा ने एनकाउंटर करार दिया था। इसके कुछ महीनों बाद ही सोहराबुद्दीन के साथी रहे तुलसी प्रजापति का भी एनकाउंटर कर दिया गया था।

हालांकि बाद में सोहराबुद्दीन का परिवार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। जिसके बाद इसकी जांच गुजरात सीआईडी और सीबीआई से कराई गई। सीबीआई के द्वारा जांच करने के दौरान गुजरात सीआईडी के पुलिस इंस्पेक्टर वीएल सोलंकी ने अपने बयान में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह का नाम भी लिया था। इस केस में अमित शाह के ऊपर यह आरोप लग रहे थे कि उन्होंने मार्बल व्यापारियों के कहने पर सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर किया। जिसके बाद जुलाई 2010 में अमित शाह ने आत्मसमर्पण कर दिया और उनको जेल भेज दिया गया। अमित शाह के ऊपर इस मामले में अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने का आरोप लगाया गया था। 

जेल जाने के तीन महीने बाद ही अक्टूबर 2010 में अमित शाह को जमानत दे दी गई हालांकि कोर्ट ने अमित शाह को जमानत देते हुए दो साल तक गुजरात ना आने की शर्त रखी थी। इस दौरान वह मुंबई और दिल्ली में रहे। बाद में 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोर्ट से अनुमति लेकर चुनाव लड़ा और उन्हें जीत भी मिली।

 

साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया। सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुंबई सीबीआई कोर्ट ने अमित शाह सहित इस केस से जुड़े सभी सीनियर पुलिस ऑफिसर और राजनेताओं को ट्रायल से पहले ही बरी कर दिया। बाद में सीबीआई कोर्ट ने इस केस से जुड़े सभी पुलिस इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल को भी बरी कर दिया।

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First published on: 09-04-2021 at 16:08 IST
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