राज्यपाल की पीड़ा, ‘ममता बनर्जी के कराए दुर्गा पूजा प्रोग्राम में हुआ मेरा अपमान, यह बंगाल की बेइज्जती’
राज्यपाल ने कहा, ‘‘ महोत्सव में मैने अपमानित महसूस किया। यह मेरा नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान है। वे इस अपमान को पचा नहीं पाएंगे।’’

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि बीते दिनों चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी द्वारा शहर में आयोजित कराए गए दुर्गा पूजा महोत्सव में उनका अपमान हुआ। दरअसल राज्यपाल को कार्यक्रम में ममता बनर्जी से अलग दूसरे मंच पर बैठाया गया, जो कि काफी छोटा था। इसके साथ ही उन्हें टीवी पर भी नहीं दिखाया गया। इस पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह इस बात से बेहद अपमानित, दुखी और परेशान महसूस कर रहे हैं। मंगलवार को एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने कहा कि ‘वह इतने दुखी थे कि उन्हें इस सदमे से बाहर आने में तीन दिन का वक्त लगा।’
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता का सेवक होने के नाते कोई भी चीज उनके संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने के आड़े नहीं आ सकती है। बता दें कि दुर्गा पूजा कार्यक्रम का आयोजन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने किया था। यह शहर में बड़े पैमाने पर होने वाले दुर्गा पूजा उत्सवों में से एक है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को हुए इस महोत्सव की बैठक व्यवस्था से धनखड़ खुश नहीं थे।
उन्होंने बताया कि उन्हें मंच पर किनारे की सीट दी गई थी और इस वजह से वह कार्यक्रम को ठीक प्रकार से देख नहीं सके थे। राज्यपाल ने कहा, ‘‘ महोत्सव में मैने अपमानित महसूस किया। यह मेरा नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल के लोगों का अपमान है। वे इस अपमान को पचा नहीं पाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि यह एक असामान्य किस्म की सेंसरशिप है। धनखड़ ने दावा किया कि इस कार्यक्रम में उन्हें “पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया।”
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि, “मैं चार घंटे तक वहां बैठा रहा लेकिन मुझे पूरी तरह से दरकिनार किया गया। मुझे आमंत्रित करने के बाद आप मुझे सेंसर कैसे कर सकते हैं? किसी ने मुझे कहा कि यह घटना आपातकाल की याद दिलाती है।”
वहीं तृणमूल के वरिष्ठ नेता तापस रॉय ने धनखड़ पर “बिना बात का मुद्दा बनाने की कोशिश” करने का आरोप लगाया और कहा, ‘इस मामले पर वह हफ्तेभर बाद टिप्पणी क्यों कर रहे हैं? वह प्रचार के भूखे हैं। वह इस तरह से कार्य कर रहे हैं, जो राज्यपाल को शोभा नहीं देता है।’ इस कार्यक्रम में ममता बनर्जी मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल, विभिन्न वाणिज्य दूतावासों के सदस्य तथा अन्य गणमान्य लोग और पर्यटक शामिल हुए।