वैक्सीन ट्रायल से मेरे पति पर पड़े गंभीर दुष्प्रभाव, अमेरिकी प्रोजेक्ट भी गंवाया, SII से 5 करोड़ का मुआवजा मांगने वाले वॉलंटियर की पत्नी ने लगाया आरोप
वालंटियर ने कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लिया था। उसे एक अक्टूबर को डोज दी गई थी। लेकिन डोज देने के बाद उस पर गंभीर प्रतिकूल लक्षण दिखने लगे।

ऑक्सफोर्ड कोरोनावायरस वैक्सीन (Oxford Coronavirus Vaccine) निर्माण और ट्रायल में देश में साझेदार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) की ओर से कराए गए ट्रायल में चेन्नई का एक वॉलंटियर गंभीर संकट में है। ट्रायल से कथित रूप से प्रतिकूल प्रभाव के बाद उसने कंपनी से 5 करोड़ का मुआवजा मांगा था।
अब कंपनी (SII) उसके आरोप को गलत बताते हुए उस पर ही 100 करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है। वॉलंटियर की पत्नी का कहना है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के ट्रायल से पति की तबियत खराब हो गई है। साथ ही इस दौरान एक अमेरिकी प्रोजेक्ट भी हाथ से निकल गया।
उन्होंने कंपनी के इस आरोप को भी गलत बताया कि उसने किसी आर्थिक फायदे के मकसद से कंपनी को लीगल नोटिस भेजा है। वालंटियर ने कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा लिया था। उसे एक अक्टूबर को डोज दी गई थी। लेकिन डोज देने के बाद उस पर गंभीर प्रतिकूल लक्षण दिखने लगे।
पत्नी के मुताबिक दस दिन बाद ही उसे तेज सिरदर्द, रोशनी और आवाज से परेशानी, व्यवहार में बदलाव तथा पहचान करने और बोलने में दिक्कत होने लगी। उसने इस बारे में 21 नवंबर को एक लीगल नोटिस कंपनी को भेजा था और मुआवजे के रूप में पांच करोड़ रुपए की मांग की थी।
उन्होंने कहा, “जिसे भारत के लिए विकल्प कहा जा रहा है, उसकी तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना है।” बोलीं, “हम चुप नहीं बैठ सकते हैं। कहा कि पति सामान्य कामकाज भी नहीं कर पा रहे हैं। हम इसे जनता को बताएंगे।
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