सोनिया से मिले वीरभद्र, कहा- अब मेरी सरकार गिराने की तैयारी
भाजपा ने यह कहते हुए वीरभद्र के आरोपों को खारिज कर दिया कि यह सस्ती सहानुभूति पाने की कोशिश है।

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद अपनी सरकार को लेकर चिंतित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। वे मोदी सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि वह केंद्रीय एजंसियों का इस्तेमाल कर उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर भाजपा ने यह कहते हुए वीरभद्र के आरोपों को खारिज कर दिया कि यह सस्ती सहानुभूति पाने की कोशिश है। उसने कहा कि वीरभद्र अभी तक जेल जाने से बच रहे हैं लेकिन वे कभी भी जा सकते हैं। वीरभद्र ने सोनिया गांधी के साथ उनके 10, जनपथ स्थित निवास पर मुलाकात की। समझा जाता है कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से अपने खिलाफ मामलों पर भी चर्चा की। उन्होंने कांग्रेस प्रमुख को अपनी सरकार गिराने के मोदी सरकार के अनवरत प्रयासों की भी जानकारी दी। बाद में वे शिमला रवाना हो गए।
वीरभद्र ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार एक-एक कर कांग्रेस शासित सरकारों को गिरा रही है। इस बारे में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश व उत्तराखंड की मिसाल दी। वीरभद्र ने केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह उन्हें विभिन्न मामलों में फंसाने के लिए सरकारी एजंसियों का दुरुपयोग कर रही है। मालूम हो कि 81 वर्षीय मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने आय से ज्यादा संपत्ति के सिलसिले में मामला दर्ज किया है और पिछले हफ्ते आठ करोड़ रुपए मूल्य की उनकी संपत्तियां कुर्क की हैं।
इस बीच भाजपा ने वीरभद्र के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उसने कहा कि वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कांग्रेस में उनके खिलाफ असंतोष है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव व हिमाचल प्रदेश के पार्टी प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने कहा- प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली में उनकी संपत्ति कुर्क की है। उनके खिलाफ कांग्रेस में असंतोष है। अभी तक वे जेल जाने से बचने की कोशिश करते रहे हैं। वे वहां कभी भी जा सकते हैं। इसलिए वे सस्ती सहानुभूति हासिल करने के लिए इस तरह के अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल जैसे राज्यों में कांग्रेस आंतरिक संकट से ग्रस्त है। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि वीरभद्र के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से कांग्रेस में असंतोष को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र को अपने पद से हट जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों के चलते राज्य सरकार पंगु हो चुकी है। शर्मा ने आरोप लगाया कि वे जबरदस्त भ्रष्टाचार के आरोपी हैं। भ्रष्टाचार के आरोप के चलते उन्हें यूपीए सरकार से मंत्री के रूप में हटना पड़ा था। उनके खिलाफ सीबीआइ जांच यूपीए शासन में शुरू हुई थी। इसलिए जांच के लिए भाजपा पर आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए। पहले राजनीतिक कारणों से जांच धीमी थी और अब यह सही दिशा में बढ़ रही है।