गुजरात के राजकोट के सरकारी अस्पताल में पिछले एक महीने में सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई है। लेकिन राज्य के सीएम विजय रुपाणी इन मौतों पर रिपोटर्स के सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं बल्कि चुपचाप वहां से निकल जा रहे हैं। अस्पताल में बच्चों की मौत से जुड़े सवाल पर विजय रुपाणी के इस रिएक्शन का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि ‘मुख्यमंत्री विजय रुपाणी पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे राजकोट अस्पताल में हुए बच्चों की मौत से जुड़ा प्रश्न पूछ दिया। इस प्रश्न को सुनने के बाद चंद सेकेंड तक विजय रुपाणी वहां खड़े रहे और फिर अचानक ही वहां से बिना कुछ बोले ही चल दिए।’
यहां आपको बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि राजकोट के सरकारी अस्पताल में दिसंबर के महीने में कुल 134 बच्चों की मौत हो गई है। हालांकि मौत की वजह कुपोषण, जन्म से ही बीमारी, समय पूर्व जन्म और मां का कुपोषित होना बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि इस अस्पताल के एनआईसीयू में ढाई किलो से कम वजन वाले बच्चों को बचाने के लिए जरुरी व्यवस्थाएं नहीं हैं।
अब इस मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री के इस रिएक्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर देखने के बाद कई यूजर्स ने गुजरात मॉडल पर ही सवाल खड़े कर दिये हैं। रिया नाम की एक यूजर ने लिखा कि ‘हर शासकीय विफलता के बाद प्रत्येक सीएम ऐसा ही करते हैं।’ एक यूजर ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘जब वह जवाब नहीं दे सकते तब वो मंत्री क्यों हैं?’ कौशिक सरकार नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘लाचारों की हत्या करना गुजरात मॉडल की आधारशिला रही है। वो अपना काम कर रहे हैं।’ अरविंद वाजपेयी नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘यह हमारे स्वास्थ्य सिस्टम की सच्चाई है…#Rajkot #Kota’
#WATCH: Gujarat Chief Minister Vijay Rupani walks away when asked about reports of deaths of infants in hospitals in Rajkot and Ahmedabad. pic.twitter.com/pzDUAI231Z
— ANI (@ANI) January 5, 2020
राजस्थान के कोटा में भी बच्चों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 110 पहुंच गया है। अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जांच पैनल नियुक्त किया था। राजस्थान के बाद बीजेपी शासित गुजरात में भी बच्चों के मरने की खबर सामने आई है। न्यूज 18 के खबर के मुताबिक, अहमदाबाद सिविल अस्पताल में केवल दिसंबर के महीने में करीब 85 बच्चों की मौत हुई है।
वहीं राजकोट के एक सरकारी अस्पताल में एक ही महीने में लगभग 134 बच्चों की मौत हुई है। गुजरात के इन दो अस्पतालों में मरने वाले बच्चों की संख्या 219 है। जबकि पिछले तीन महीनों में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 253 बच्चों की मौत हो चुकी है।
