Ramcharitmanas Row: विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की मान्यता रद्द करने की मांग को लेकर भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने का समय मांगा है। विहिप का कहना है कि दोनों पार्टियों ने रामचरितमानस के खिलाफ टिप्पणी करने वाले अपने नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
VHP ने की सपा, राजद की मान्यता रद्द करने की मांग
विहिप ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग को सपा और राजद की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए। वीएचपी का कहना है कि दोनों पार्टियों ने रामचरितमानस के खिलाफ हालिया टिप्पणी के लिए अपने संबंधित नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करके राजनीतिक दल की बुनियादी शर्तों का उल्लंघन किया है।
Chief Election Commissioner से मिलने की मांग
संगठन ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मुद्दे पर उनका ध्यान आकर्षित करने और समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आग्रह करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मिलने का समय मांगा है। चुनाव आयोग को इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के ओर से एक पत्र लिखा गया है।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, “सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर आपत्तिजनक बयान दिए। उसे प्रतिबंधित करने की मांग की और ग्रंथ के पवित्र पन्नों को जलाने की बात काही, जिसने भारत के नागरिकों के बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर घृणित तरीके भड़काया है। इसके तुरंत बाद मौर्य को पदोन्नत कर पार्टी का महामंत्री बनाया जाना स्पष्ट करता है कि पूरी पार्टी उनके समर्थन में है।”
आलोक कुमार ने कहा, “इस संबंध में समय लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा है। प्रतिनिधि मंडल के माध्यम से विहिप रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 की धारा 29A का हवाला दिया गया है। जिसमें बताया गया है कि हर राजनैतिक दल को अपनी पार्टी के मेमोरेंडम के प्रावधानों में विश्वास रखते हुए पंथ निरपेक्षता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का निष्ठा के साथ पालन करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “सपा और राजद दोनों ने उन बुनियादी शर्तों का उल्लंघन किया है, जिन पर पार्टियों का रजिस्ट्रेशन किया गया था। ऐसे में उनकी मान्यता रद्द कर देनी चाहिए।”