नट सम्राट और जाने-माने ऐक्टर श्रीराम लागू (Shriram Lagoo) मंगलवार को नहीं रहे। महाराष्ट्र के पुणे स्थित एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें लीं। वह 92 साल के थे। लागू डॉक्टर थे और एक जमाने में वह नाक-कान और गले के सर्जन हुआ करते थे।
बचपन में वह लोगों की नक्ल उतारा करते थे, इसलिए उन्हें लोग एक्टिंग-थियेटर लाइन में जाने का सुझाव देते थे। बाद में वह न सिर्फ मराठी थियेटर में बल्कि बॉलीवुड में भी मशहूर नाम बन गए।
मराठी और हिंदी सिनेमा में उनका अहम योगदान माना जाता है। लागू ने लगभग 100 हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया, जबकि 40 मराठी, हिंदी और गुजराती नाटकों में अभियन किया। उन्होंने इसके अलावा करीब 20 मराठी नाटकों का निर्देशन भी किया था।
लागू का जन्म बॉम्बे प्रेसिडेंसी (ब्रिटिश काल) के सातारा में 16 नवंबर 1927 को हुआ था। पुणे के भवे स्कूल में पढ़ते थे, जहां ड्रामा पर खासा जोर दिया जाता था। चूंकि, लागू उन्हीं दिनों से ही लोगों की नक्ल करते थे, तब लोग उन्हें ऐक्टर बनने का सुझाव देते थे।
एक बार की बात है कि स्कूल में कहा गया कि उन्हें नाटक में काम करना होगा। स्टेज पर उतरने को कहा गया, तब वह काफी घबरा गए थे। हालांकि, परफॉर्मेंस के बाद उनकी सभी ने तारीफ की। रोचक बात है कि उन्हें तब अपनी ही नहीं बल्कि साथ कलाकारों की लाइनें भी याद हो गई थीं।
लागू के अभिनय की तारीफ तो हुई, पर इनके माता-पिता चाहते थे कि ये डॉक्टर ही बनें। मराठी और हॉलीवुड के नाटकों के बड़े नामों ने इन्हें खासा प्रभावित किया। तीन बरस यह अफ्रीका में भी रहे, जहां यह अभिनय से दूर हो गए थे। पर भारत लौटते ही यह वापस ऐक्टिंग की दुनिया में लौट आए। मराठी मंच पर इनके नट सम्राट किरदार को आज भी याद किया जाता है।
लागू की शादी दीपा लागू से हुई, जो कि अभिनेत्री हुईं। इन दोनों के दो बेटे और एक बेटी हुई। श्रीराम लागू को एक फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया था।
