उत्तराखंड के बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिरों के अति विशिष्ट दर्शन के लिए अब अति विशिष्ट शुल्क तीर्थ यात्रियों को देना होगा। जो तीर्थयात्री विशेष सुविधाओं के साथ बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों में दर्शन करना चाहते हैं उनके लिए बदरी- केदार मंदिर समिति अति विशिष्ट शुल्क के साथ विशेष दर्शन की सुविधा मुहैया कराने जा रही है।
बदरी केदार मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया है। यह सुविधा इस साल उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुलने के बाद से लागू होगी। दोनों मंदिरों के विशेष दर्शनों के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपए का अति विशिष्ट अतिथि शुल्क लिया जाएगा। मंदिर समिति ने इसके अलावा दोनों तीर्थों के लिए और अन्य कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए।
बैठक में तय किया कि मंदिर समिति के वेतनधारी पुजारी व कर्मचारी श्रद्धालुओं से किसी तरह की दान-दक्षिणा नहीं लेंगे। दान-दक्षिणा लेने वाले पुजारी और कर्मचारियों के खिलाफ समिति कड़ी कार्रवाई करेगी। बदरी-केदार मंदिर समिति ने पिछले दिनों देश के चार प्रमुख मंदिरों तिरुपति बाला जी, श्री वैष्णो देवी, श्री महाकालेश्वर उज्जैन तथा श्री सोमनाथ मंदिर में पूजा, दर्शन समेत कई अन्य व्यवस्थाओं के प्रबंधन के अध्ययन के लिए चार दल भेजे थे।
उनकी अध्ययन रिपोर्ट की संस्तुतियों के आधार पर समिति ने बदरीनाथ व केदारनाथ मंदिरों के दर्शनों के लिए आने वाले सभी तरह के अति विशिष्ट अतिथियों से विशेष दर्शनों व प्रसाद के लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपए का शुल्क निर्धारित किया है। बदरी-केदार मंदिर समिति के कर्मचारी ही अति विशिष्ट अतिथियों को मंदिर के दर्शन कराने और प्रसाद वितरण की जिम्मेदारी संभालेंगे। ताकि अति विशिष्ट अतिथियों की सुविधा के नाम पर मंदिर परिसर में कोई अव्यवस्था उत्पन्न ना होने पाए। अभी तक अति विशिष्ट अतिथियों को मंदिर के दर्शन कराने के लिए पुलिस, प्रशासन, तथा मंदिर समिति अपने -अपने तरीके से दर्शन कराने की व्यवस्था संभालते रहे हैं।
मंदिर समिति ने अब नई व्यवस्था के तहत तय किया है कि श्रद्धालु मंदिर के लिए जो भी दान अथवा चढ़ावा देते हैं, उसे मंदिर समिति के वेतनधारी पुजारी और कर्मचारी कतई नहीं लेंगे। साथ ही पूजा व्यवस्था से जुड़े कार्मिक श्रद्धालुओं को दान-चढ़ावे को दान पात्र में डालने को प्रेरित करेंगे। मंदिर समिति के वेतन भोगी कर्मचारी नई व्यवस्था का उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंदिर समिति में बदरी और केदार मंदिरों को मिलने वाली दान और चढ़ावे की गिनती के लिए नई पारदर्शी व्यवस्था की है। इसके लिए दोनों धामों में पारदर्शी शीशे के हट बनाए जाएंगे। इनको सीसीटीवी कैमरों से युक्त किया जाएगा।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023 झ्र 24 के लिए 76,25,76,618 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया। साथ ही आगामी यात्रा को लेकर भी विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। मंदिर समिति के अध्यक्ष अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि बदरीनाथ – केदारनाथ तीर्थ यात्रा की व्यवस्था चाक-चौबंद बनाने के लिए मंदिर समिति सभी भरसक प्रयास करेगी और यात्रियों को सुविधा पूर्वक मंदिर के दर्शन करने के लिए नई कार्ययोजना बना रही है।
उन्होंने बताया कि श्री बदरीनाथ अधिष्ठान के लिए 39,90,57,492 करोड़ और श्री केदारनाथ अधिष्ठान के लिए 36,35,19,126 करोड़ का परिव्यय प्रस्तावित है। जबकि पिछले साल बजट में 65,53,11,583 करोड़ की आय के मुकाबले आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 94,26,23,042 करोड़ रुपए की प्रस्तावित आय का लक्ष्य रखा गया है।
मंदिर समिति चार धामों की यात्रा इंतजामों में सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी कार्यों को मजबूती देने के लिए स्वयं की सूचना प्रौद्योगिकी इकाई गठित करेगी। इससे ई-आफिस की स्थापना, विभिन्न अनुभागों को कंप्यूटरीकृत करने आदि में आसानी हो सकेगी। साथ ही मंदिर समिति अपने अस्थायी कर्मचारियों के भविष्यगत लाभों को संरक्षित करने की दृष्टि से उन्हें ईपीएफ की सुविधा भी प्रदान करेगी।
केदारनाथ धाम में अष्टधातु का सौ किलो का त्रिशूल लगेगा। मंदिर समिति केदारनाथ धाम में आगामी यात्राकाल के प्रारंभ में एक दानदाता के सहयोग से 100 किलो का अष्टधातु का त्रिशूल स्थापित करेगी । इसके साथ ही मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ के जीर्ण-शीर्ण सभा मंडप का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
स्थानीय लोगों की पंजीकरण अनिवार्यता समाप्त
देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चार धाम यात्रा को लेकर एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में आगामी चार धाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त करने का महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया। साथ ही यह तय किया गया कि देवभूमि उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा में दर्शन करवाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि व्यवस्थित, सुगम एवं सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएंगी। देवभूमि आने वाले श्रद्धालु चारधाम यात्रा के साथ राज्य के अन्य प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर भी जाएं, इसके लिए राज्य के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के बारे में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
इसके लिए पर्यटन, पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार कर रहा है। चार धाम यात्रा के दौरान इस बार राज्य में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कुछ उत्पादों का व्यापक स्तर पर प्रसार किया जाएगा। चारधाम यात्रा मार्ग पर व्यवस्थित तरीके से स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही चारधाम यात्रा के लिए यात्रा मित्र के तौर पर कुछ स्थानीय लोगों को तैनात किया जाएगा।