अपने बयानों को लेकर विवादों में घिरने वाले आॅल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदउद्दीन ओवैसी को जिला प्रशासन से लखनऊ में गुरुवार को होने वाली रैली की इजाजत नहीं मिली है। एआइएमआइएम ने इसे राज्य की सपा सरकार की घबराहट का नतीजा बताया है।
एआइएमआइएम के प्रांतीय अध्यक्ष शौकत अली ने यहां कहा कि जिला प्रशासन द्वारा रैली के लिए इजाजत नहीं दिए जाने के बाद ओवैसी का दो दिवसीय प्रदेश दौरा भी निरस्त हो गया है। सरकार की यह हरकत निन्दनीय है। ओवैसी को न तो रैली करने की इजाजत है और न ही रोड शो करने की। ऐसे में उनके दौरे का कोई अर्थ नहीं था। ओवैसी को अपने दौरे के दौरान बाराबंकी, फैजाबाद और आजमगढ़ भी जाना था। अली ने आरोप लगाया कि सपा सरकार के पास ओवैसी का मुकाबला करने की हिम्मत नहीं है।
उत्तर प्रदेश में आपातकाल लगा है। जनता से चुने गए एक सांसद और पार्टी अध्यक्ष को प्रदेश में आने से बार-बार रोका जा रहा है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। अली ने दावा किया कि इस सरकार ने पिछले चार साल के दौरान मुसलमानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए हैंं और सूबे में दलित तथा मुस्लिम वर्ग के लोग एआइएमआइएम के साथ आ रहे हैं, वहीं अति पिछड़े वर्ग के लोग भी बहुत तेजी से जुड़ रहे हैं।
यही वजह है कि यह सरकार ओवैसी से घबराई है। एआइएमआइएम की स्थानीय इकाई की तरफ से गुरुवार को लखनऊ के रिफाह-ए-आम क्लब मैदान में ‘हालात-ए-हाजरा’ पर कार्यक्रम होना था, जिसमें ओवैसी को भी शिरकत करनी थी, लेकिन अपर जिलाधिकारी जयशंकर दुबे द्वारा हस्ताक्षरित पत्र के जरिये प्रशासन ने बुधवार को इस कार्यक्रम की अनुमति ‘शांति व्यवस्था के हित में’ निरस्त कर दी थी।