कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन की संभावना, लखनऊ में 5 अप्रैल तक लगा दी गई धारा 144
उत्तरप्रदेश में किसान आंदोलन की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 अप्रैल तक के लिए लखनऊ में धारा 144 लागू कर दिया है।

तीन महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन अब देश के अलग अलग हिस्सों में पहुँचने लगा है। उत्तरप्रदेश में किसान आंदोलन की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 अप्रैल तक के लिए लखनऊ में धारा 144 लागू कर दिया है। पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पहले से ही किसानों का आंदोलन चल रहा है। उत्तरप्रदेश की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन की अगुवाई किसान नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं।
सरकार द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि विभिन्न राजनीतिक दलों और किसान संगठनों के द्वारा किसान आंदोलन आयोजित किया जा सकता है। जिससे शांति व्यवस्था भंग हो सकती है. इसलिए लखनऊ प्रमंडल में धारा लगायी जा रही है। बता दूँ कि पिछले कुछ दिनों से उत्तरप्रदेश के कई इलाकों में अलग अलग राजनीतिक दलों के द्वारा किसान महापंचायत का आयोजन भी किया जा रहा है। इन महापंचायतों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
Section 144 imposed in Lucknow with immediate effect till 5th April to maintain law and order situation in the Commissionerate. pic.twitter.com/H6BupP7B6Z
— ANI UP (@ANINewsUP) March 1, 2021
ज्ञात हो कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही कई नेताओं पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं. पिछले दिनों आजतक चैनल पर आयोजित सीधी बात कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि क्या योगेन्द्र यादव और हन्नान मोल्लाह किसान हैं। ये लोग आंदोलनजीवी हैं, परजीवी हैं और विघटनकारी गतिविधियों की अगुवाई करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि किसानों की मेहनत पर जीवित रहने वाले लोग या विदेशी जूठन पर जीवित रहने वाले लोग ही किसानों को गुमराह कर रहे हैं। ये लोग किसानों के साथ अपराध कर रहे हैं।
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पहले मकई का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं होता था। जिसकी वजह से किसानों को 900 से 1100 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिलता था। लेकिन साल 2019 में मोदी सरकार ने मकई का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1800 रुपये तय किया। साथ ही सरकारी मंडियों के अलावा निजी व्यापारियों को भी फसल खरीदने की अनुमति दी गयी। जिसकी वजह से किसानों को 2200 रुपये प्रति क्विंटल तक का भाव भी मिला।
योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को लाभकारी बताते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश में काफी समय से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की जा रही है। बुंदेलखंड इलाके में किसान अपनी जड़ी बूटी की फसल के लिए वैद्यनाथ कंपनी से करार करते हैं। क्या इस करार की वजह से अभी तक किसी भी किसान की खेती या जमीन चली गयी। सिर्फ कुछ लोग इन कानूनों के नाम पर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।