Ghosi MLA Atul Rai: घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की 8 सितंबर, गुरुवार को वाराणसी में एसीजेएम पंचम की कोर्ट में पेशी थी। लेकिन वो पेशी से पहले ही बेहोश हो गए। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने सांसद अतुल राय को उठाकर कोर्ट में पेश किया। गौरतलब है कि बसपा सांसद पिछले 37 महीने से नैनी जेल में बंद हैं। गुरुवार को वो रेप पीड़िता और गवाह को धमकाने के मामले में वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होने पहुंचे थे। इस दौरान वो पेशी से पहले ही बेहोश हो गए।
सांसद के वकील ने पुलिस प्रशासन पर खड़े किए सवाल:
वहीं सांसद अतुल राय के वकील अनुज यादव ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कोर्ट से उन्होंंने मांग की थी कि अतुल राय की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जाए, लेकिन इस मांग पर सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा, “वाराणसी की लंका पुलिस द्वारा किसी नए मुकदमे में रिमांड बनाने के लिए निजी रूप से तलब किया गया है। इसकी जानकारी होने पर हमारी तरफ से कोर्ट को लिखित रूप से मेडिकल के साथ एक प्रार्थना पत्र में अवगत कराया गया था कि अतुल राय के कान का ऑपरेशन हुआ है, ऐसे में कोर्ट आने में असमर्थ हैं।”
अनुज यादव ने कहा कि उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें निजी तौर पर तलब न करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हो। लेकिन अदालत ने इस प्रार्थना पर ध्यान नहीं दिया। इसपर जब वो पेशी के लिए आए तो बेहोश हो गए। इस स्थिति के बाद भी बेहोशी की हालत में प्रशासन ने उन्हें लाद-फांदकर कोर्ट में पेश किया। मैंने अतुल राय की हालत को देखते हुए अस्पताल में भर्ती कराए जाने की अपील की लेकिन कोर्ट ने उन्हें फिर से नैनी जेल भेजने का आदेश दे दिया।
क्या है मामला:
दरअसल तीन साल पुराने चर्चित मामले में पिछले साल 16 अगस्त 2021 को अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली बलिया की रहने वाली युवती ने अपने मित्र के साथ नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्महत्या कर लिया था। वहीं युवक की 21 अगस्त और युवती की 24 अगस्त को मौत हो गई थी। इस मामले में अतुल राय वाराणसी एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे थे। बता दें कि पिछले महीने छह अगस्त को विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए सियाराम चौरसिया की कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में अतुल राय को बरी कर दिया था।