भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को UK कोर्ट से तगड़ा झटका, प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका खारिज
देश के विभिन्न बैंकों से तकरीबन साढ़े नौ हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेकर लंदन में रह रहे माल्या पर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के उलंल्घन के आरोप हैं।

भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को तगड़ा झटका लगा है। सोमवार (आठ अप्रैल, 2019) को ब्रिटेन स्थित एक हाईकोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ दी गई याचिका को खारिज कर दिया। यूके कोर्ट के एक प्रवक्ता के हवाले से बताया गया, “जस्टिस विलियम डेविस ने पांच अप्रैल, 2019 को अपील की अनुमति वाली याचिका खारिज कर दी।”
उनके मुताबिक, “याचिकाकर्ता (माल्या) मौखिक तौर पर पांचों कार्यदिवसों में अपना पक्ष रख सकते हैं। अगर इस संबंध में पुर्नविचार याचिका दी गई, तब उसे हाईकोर्ट जज के पास बढ़ाया जाएगा। मामले पर सुनवाई की की जाएगी।”
हालांकि, यूके हाईकोर्ट में प्रत्यर्पण संबंधी याचिका खारिज होने के बाद अब उसके पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है। कहा जा रहा है कि इस प्रक्रिया में करीब छह हफ्ते लग सकते हैं। वैसे माल्या के मामले में हालिया घटनाक्रम उसे भारत लाने के क्रम के एक और कदम माना जा रहा है।
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नौ दिसंबर, 2018 को 62 वर्षीय माल्या के भारत में प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। उस पर देश के विभिन्न बैंकों का लगभग साढ़े नौ हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है।
माल्या पर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के उलंल्घन का आरोप है। शराब कारोबारी ने यूके के गृह सचिव साजिद जावेद के उस फैसले के खिलाफ याचिका दी थी, जिसमें उन्होंने माल्या के भारत में प्रत्यर्पण का आदेश दिया था।
माल्या, यूनाइटेड किंगडम में मार्च 2016 से है, जबकि अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड में उसके प्रत्यर्पण को लेकर वॉरंट जारी हुआ था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर है।
भगोड़े शराब कारोबारी के प्रत्यर्पण के लिए लगभग एक साल तक ट्रायल चला। दिसंबर, 2018 में जज एम्मा आर्बुथनॉट ने अपने फैसले में कहा था कि माल्या को भारतीय कोर्ट्स के समक्ष इस मसले में हाजिर होना पड़ेगा। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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