भारत में अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौटती दिख रही है। सीएमआईई (CMIE) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में बेरोजगारी दर घटी है। वहीं प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण लागू करने वाला हरियाणा बेरोजगारी में नंबर वन आया है।
सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, देश में बेरोजगारी दर घट रही है और अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मासिक टाइम सीरीज के आंकड़ों से पता चला है कि फरवरी 2022 में भारत में कुल बेरोजगारी दर 8.10 प्रतिशत थी, जो मार्च में गिरकर 7.6 प्रतिशत हो गई। 2 अप्रैल को आए आंकड़ों के अनुसार यह अनुपात गिरकर 7.5 प्रतिशत हो गया है। इसमें शहरी बेरोजगारी दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत रही है।
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर रही है। यहां बेरोजगारी दर 26.7 फीसदी रही है। इसके बाद राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में 25-25 फीसदी, बिहार में 14.4 फीसदी, त्रिपुरा में 14.1 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 5.6 फीसदी बेरोजगारी दर रही है।
वहीं कर्नाटक और गुजरात में मार्च में सबसे कम बेरोजगारी दर 1.8 प्रतिशत रही है। बता दें कि अप्रैल 2021 में, कुल बेरोजगारी दर 7.97% थी और पिछले साल मई में बढ़कर 11.84% हो गई थी। इस साल भले ही बेरोजगारी दर में कमी आनी शुरू हो गई है, लेकिन ये दर अभी भी भारत के लिए खराब ही है। हालांकि आगे और स्थिति सुधरने की उम्मीद जताई जा रही है।
वहीं इससे पहले हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सीएमआईई के बेरोजगारी के आंकड़ों को मानने से इनकार कर दिया था। जनवरी में खट्टर ने आंकड़ों का खंडन करते हुए दावा किया था कि उनकी सरकार के ‘आधिकारिक’ आंकड़ों से पता चला है कि बेरोजगारी दर 6.1% थी।
तब चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए खट्टर ने दावा किया था कि अगर बेरोजगारी 34.1% होती, तो स्थिति बिल्कुल अलग होती। उन्होंने आगे कहा था कि राज्य सरकार सीएमआईई के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।