संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है। वह लश्कर प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद का रिश्तेदार भी है। प्रतिबंध समिति ने मक्की का नाम इस सूची में शामिल करने का कारण बताते हुए कहा कि मक्की और लश्कर/जमात उद दावा के अन्य गुर्गे धन जुटाने, भर्ती करने, युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में व दिल्ली में लाल किले पर हमले सहित कई आतंकी वारदातों में या इनकी साजिश रचने में शामिल रहे हैं।
मक्की को काली सूची में डालने के भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव में अड़ंगा लगाने से चीन के पीछे हटने के बाद सुरक्षा परिषद की अलकायदा प्रतिबंध समिति को सर्वसम्मति से मक्की को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया। यूएनएससी की 1267 आइएसआइएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया।
इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। इसके लिए भारत और उसके सहयोगी देश वर्षों से प्रयास कर रहे थे। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जन्मा मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी है और जमात उद दावा की मरकजी (सेंट्रल) टीम और दावती (धर्मांतरण) टीम का सदस्य है। प्रतिबंध समिति ने कहा, ‘मक्की को 15 मई, 2019 को पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था और वह लाहौर में एक घर में नजरबंद था। 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने मक्की को आतंकवाद के वित्तपोषण का दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई।’
प्रतिबंध समिति ने कहा कि मक्की लाल किले पर हुए लश्कर के हमले सहित प्रमुख हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है या इनमें शामिल रहा है। लश्कर के छह आतंकवादियों ने 22 दिसंबर, 2000 को लाल किले पर धावा बोल दिया था और किले की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी। 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को ‘भारत में लश्कर द्वारा सबसे जघन्य हमला’ बताते हुए समिति ने कहा कि पाकिस्तान से लश्कर के 10 आतंकवादियों ने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों के साथ मुंबई में अरब सागर के रास्ते प्रवेश किया, जिनमें से आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया और बाकी मारे गए।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि मक्की का नाम सूची में शामिल किया जाना भारतीय कूटनीति के लिए एक बड़ी सफलता है। तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत के पहले आतंकवादी सूचीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी और आगे पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में होने वाले आतंकवादी हमलों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा।
जून 2022 में भारत ने यूएनएससी प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत के तौर पर तिरुमूर्ति के कार्यकाल में रखा था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने एक ट्वीट में कहा कि भारतीय कूटनीति की एक और सफलता। अब्दुल रहमान मक्की संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति द्वारा नामित किया गया,ङ्घ बाकी की तलाश जारी है।