सुभाष चंद्र बोस के पोट्रेट पर पनपा विवाद! जानें, क्या है पूरा मामला
सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने ट्वीट करके सरकार की आलोचना की। लोगों ने लिखा, ये वाकई झकझोर करने वाला है। पोट्रेट प्रोसनजीत का है। ऐसा लगता है कि भगत सिंह की जगह पर अजय देवगन के पोट्रेट को रिलीज किया गया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को पराक्रम दिवस के मौके पर नेताजी सुभाष चंद बोस के एक पोट्रेट का राष्ट्रपति भवन में अनावरण किया था। इसे लेकर आज विवाद तब गहरा गया जब सोशल मीडिया पर पोस्टों में दावा किया गया कि यह पोट्रेट नेताजी का नहीं बल्कि उस अभिनेता का है, जिसने उनकी बायोपिक में काम किया था।
हालांकि, सरकार ने इस तरह के आरोपों का खंडन किया है। बीजेपी का कहना है कि नेताजी का यह फोटो उनके परिवार ने पद्मश्री अवार्ड विजेता आर्टिस्ट परेश मैती को दिया था। इसके आधार पर ही उन्होंने पोट्रेट बनाया। इसमें अभिनेता प्रोसनजीत नहीं हैं। बीजेपी ने इसे बेवजह का विवाद करार दिया। प्रोसनजीत ने नेताजी की बायोपिक गुमनामी में काम किया था। यह 2019 में रिलीज हुई थी।
बात का बतंगड़ बना तो टीएमसी सांसद महुआ मित्रा ने ट्वीट में कहा, राम मंदिर के लिए 5 लाख रुपए दान में देने के बाद राष्ट्रपति ने नेताजी का सम्मान अभिनेता के पोट्रेट का अनावरण करके किया। उन्होंने लिखा, भगवान भारत को बचाएं। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट को डिलीट कर दिया। सोशल मीडिया पर इस तरह की अन्य पोस्ट भी हटा दी गई हैं।
सोशल मीडिया पर तमाम लोगों ने ट्वीट करके सरकार की आलोचना की। जॉयदास नाम के व्यक्ति ने लिखा, ये वाकई झकझोर करने वाला है। पोट्रेट प्रोसनजीत का है। ऐसा लगता है कि भगत सिंह की जगह पर अजय देवगन के पोट्रेट को रिलीज किया गया। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने महात्मा गांधी की जगह बेन किंगस्ले और नरेंद्र मोदी की जगह अभिनेता विवेक ओबराय का पोट्रेट लगाने का सुझाव दिया।
President Kovind unveils the portrait of Netaji Subhas Chandra Bose at Rashtrapati Bhavan to commemorate his 125th birth anniversary celebrations. pic.twitter.com/Y3BnylwA8X
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 23, 2021
हालांकि बाद में मामले को यह कहकर ठंडा करने का प्रयास किया गया कि बंगाली फिल्म स्टार प्रोसनजीत ने अपना किरदार बहुत उम्दा तरीके से अदा किया है। 2019 में रिलीज फिल्म में वह बिलकुल नेताजी लग रहे हैं। इसके लिए उन्होंने prosthetics का सहारा लिया। आज के विवाद का श्रेय मेकअप आर्टिस्ट को देना चाहिए।
बीजेपी के सोशल मीडिया चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट करके उन लोगों की भर्त्सना की जो इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं। मालवीय ने लिखा, neo-Bengal एक्सपर्ट्स खुद को मूर्ख बनाकर थक चुके हों तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इस तरह की हरकतों से ममता बनर्जी बचने वाली नहीं हैं।
If the neo-Bengal experts are done making a fool of themselves, outraging over the portrait of Netaji Subhash Chandra Bose, unveiled by the President of India, let me remind them that all their misplaced activism won’t be able to save Mamata Banerjee…
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 25, 2021
बंगाल चुनाव को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। शनिवार को सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने भाषण के दौरान जय श्री राम के नारों का सामना करना पड़ा। यह कार्यक्रम नेताजी की जन्म शताब्दी पर विक्टोरिया मैमोरियल पर आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री इसमें मौजूद थे।