उदयपुर घटना ने पूरे देश में तहलका मचा दिया है। लोग इस घटना को लेकर काफी आक्रोश में हैं। आम जनता से लेकर राजनेताओं तक सभी इसकी निंदा कर रहे हैं। इस बीच, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी की हत्या करना मोहम्मद साहब वाला इस्लाम नहीं हो सकता बल्कि, यह तालिबानी इस्लाम है।
उन्होंने उदयपुर घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा कि उदयपुर में जिस तरह इस्लाम और मजहब का नाम लेकर इंसानियत का कत्ल किया गया, उसकी इस्लाम कतई इजाजत नहीं देता।
उन्होंने कहा, “इस्लाम तो कहता है कि जिसने एक इंसान को कत्ल किया उसने पूरी इंसानियत का कत्ल किया और जिसने एक इंसान की जान बचाई, तो उसने पूरी इंसानियत बचा ली। अफसोस की बात है कि लबैक या रसूल अल्लाह के नारे भी लगा रहे हैं, चेहरे पर दाढ़ी भी रखी हुई है और इस्लाम को बदनाम भी कर रहे हैं। ये उसी तालिबानी सोच के लोग हैं, जिन्होंने चेहरे पर दाढ़ी तो रख ली है, माथे पर नमाज का निशान भी है लिबास से भी इस्लामी लग रहे हैं, लेकिन इनका दूर-दूर तक इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं।”
मौलाना ने कहा, “ये कत्ल करते हैं तो अल्लाह हू अकबर कहते हैं। ये कत्ल करते हैं तो लबैक या रसूल अल्लाह कहते हैं। इसका मतलब ये है कि ये उसी नस्ल से हैं जिन्होंने करबला में हजरत इमाम अली सलाम को आज से 1400 साल से पहले शहीद करके अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे।”
उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान भाईयों से अपील है कि प्यार-मोहब्बत और मेल-मिलाप से रहें, जिससे हमारे देश की अखंडता बनी रहे। हम उन हाथों को तोड़ दें, जो हमारे देश की एकता को तोड़ने की कोशिश करते हैं।