टि्वटर पर आशुतोष व रोहित सरदाना में गहमागहमी, बोले एंकर- ‘च्च च्च’ कर निकल लेते हैं बुद्धिजीवी
पूर्व AAP नेता आशुषोत मौजूदा समय में 'Satya Hindi' नाम की हिंदी वेबसाइट से जुड़े हैं। उन्होंने अपनी साइट की एक खबर शेयर की, जो कि 'तांडव' से जुड़ी थी। इसी पर सरदाना ने उन्हें आड़े हाथों लिया।

पत्रकार आशुतोष और Aaj Tak के एंकर रोहित सरदाना के बीच टि्वटर पर सोमवार को गहमा-गहमी नजर आई। विवादों के घेरे में आई वेब सीरीज Tandav को लेकर आशुषोत के एक ट्वीट पर सरदाना ने उन्हें लपेटा। कहा- बुद्धिजीवी लोग ‘च्च च्च’ कर निकल लेते हैं।
पूर्व AAP नेता आशुषोत मौजूदा समय में ‘Satya Hindi’ नाम की हिंदी वेबसाइट से जुड़े हैं। उन्होंने अपनी साइट की एक खबर शेयर की, जो कि ‘तांडव’ से जुड़ी थी। उन्होंने ट्वीट किया था- जिस गति से लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। उसे देखते हुए बहुत जल्दी ही देश में रचनात्मक काम होने बंद हो जाएंगे। फिल्में और लेखन सरकारों को खुश करने के लिए बनेंगे।
सरदाना ने इसी को रीट्वीट करते हुए लिखा, “भावनाएं तो आप जानते ही हैं- सबसे कोमल चीज़ होती हैं। कभी भी आहत हो जाती हैं। किसी की एक कैफे के नाम से आहत होती हैं तो बुद्धिजीवी लोग सिर्फ च्च च्च कर के निकल लेते हैं। किसी की आस्था पर चोट पड़ने में भी अभिव्यक्ति और रचनात्मकता का झंडा आ जाता है!”
भावनाएँ तो आप जानते ही हैं सबसे कोमल चीज़ होती हैं. कभी भी आहत हो जाती हैं. किसी की एक कैफ़े के नाम से आहत होती हैं तो बुद्धिजीवी लोग सिर्फ़ च्च च्च कर के निकल लेते हैं और किसी की आस्था पे चोट पड़ने में भी अभिव्यक्ति और रचनात्मकता का झंडा आ जाता है! https://t.co/ZOSCyvXM73
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) January 18, 2021
दोनों पत्रकारों में हुई इस वर्चुअल गहमा-गहमी के बीच कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अपनी राय दी। @dalpats94453343 के हैंडल से कहा गया- कमलेश तिवारी, चार्ली एब्दो, फ्रांसिस प्रोफेसर, मुनव्वर फारूकी इत्यादि के समय इनकी रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता क़ा झंडा पता नहीं कौन सी जेब में घुस जाता है? हद होती है दोगलेपन की आशुतोष।
@DiceGameMaster ने लिखा, “मंदिर में पुजारी महिला के साथ जघन्य अपराध करता है, तब इनकी आस्था को इत्तू सा फर्क नहीं पड़ता! गज़ब के भक्त हैं!”
Thappad kashiram walapic.twitter.com/OAdortCqUu
— ऋषभ श्रीवास्तव
@PandeyAjay_IND ने कहा- इन लोगों की भावना तब आहत होती है, जब किसी गैर हिंदू धर्म के साथ मज़ाक या खिलवाड़ होता है और हिंदू धर्म के लोगों की भावना आहत होती है तो होने दो उससे इन पर फर्क़ नहीं पड़ेगा। क्या मनोरंजन के नाम पर कुछ भी दिखाया जा सकता है? एक समय था, जब मुस्लिम कलाकार लोग हिंदू नाम रखते थे।
Asutosh After getting the Befitting Reply —- pic.twitter.com/MSClok3l6R
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