ट्विटर पर उठी रामदेव की गिरफ्तारी की मांग, WHO के नाम पर फ्रॉड करने का आरोप
कोरोनिल दवा को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी का कहना था कि इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत आयुष मिनिस्ट्री से सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट मिला हुआ है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने बीते 19 फ़रवरी को कोरोनिल नामक एक दवा लांच किया था। इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव के साथ केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और नितिन गडकरी भी मौजूद थे। बाबा रामदेव ने कोरोनिल को लेकर दावा किया था कि यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणित है। लेकिन WHO के द्वारा इस दावे को ख़ारिज किए जाने के बाद बाबा रामदेव की गिरफ़्तारी की मांग उठने लगी है।
बाबा रामदेव की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्विटर पर दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया है। सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है कि दिल्ली पुलिस क्या आप बाबा रामदेव को WHO के नाम पर फर्जी सूचना फ़ैलाने और लोगों को बहकाने के आरोप में गिरफ्तार करेंगे। साथ ही सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी है और इसमें कड़ी कारवाई की जानी चाहिए।
Dear @DelhiPolice will you #ArrestRamdev for misguiding millions of people on the name of WHO certification? This is international fraud, Strictest action should be ensured.
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) February 22, 2021
कोरोनिल दवा को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी का कहना था कि इस दवा को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत आयुष मिनिस्ट्री से सर्टिफिकेट ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट मिला हुआ है। बाबा रामदेव के इस दावे के बाद WHO ने बयान जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने कोरोना की किसी भी पारंपरिक दवा को मंजूरी नहीं दी है।
कोरोनिल के लांचिंग के बाद रामदेव की कंपनी ने बयान जारी करके कहा था कि सर्टिफ़िकेट ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट मिलने के बाद अब इसे करीब 158 देशों में निर्यात किया जा सकता है। पिछले साल जून के महीने में भी कोरोना महामारी के दौरान बाबा रामदेव ने इस दवा को लोगों के सामने पेश किया था। लेकिन बाद में बाबा रामदेव को गंभीर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।
कोरोनिल के कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के मौजूद रहने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सवाल खड़े किए हैं। IMA ने पूछा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते अवैज्ञानिक उत्पाद को जारी करना कितना सही है? साथ ही आईएमए ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं और उन्हें कोरोनिल को इस तरह से बढ़ावा नहीं देना चाहिए।