दिल्ली से वाराणसी से तक सफर अब केवल 8 घंटे में पूरा होगा। यह सफर सबसे तेज रफ्तार ट्रेन 18 कराएगी। इसके लिए रेलवे मंत्रालय ने तैयारियां पूरी कर ली है। अब तक इस सफर के लिए आम जनता को करीब 18 घंटे का समय लगता था। संभावना जताई जा रही है कि इस ट्रेन को आम जनता के लिए कुंभ से पहले शुरू कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने खुद इस ट्रेन का मुआयना किया। रेलवे सूत्रों के मुताबिक इसका बेस किराया शताब्दी से 1.4 गुना तक हो सकता है। वर्तमान में जो भी ट्रेन दिल्ली से वाराणसी से बीच चलाई जाती है। वे ट्रेन करीब इस दूरी को 11 घंटे 40 मिनट के अंदर पूरा करती हैं। जबकि यह ट्रेन केवल 8 घंटे में यात्रियों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाएगी। इससे यात्रियों के समय की करीब 40 फीसद बचत होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसके लिए उन्हें पैसा भी खर्च करना होगा।
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक इस ट्रेन को कुंभ में चलाया जा सकता है। इस ट्रेन में एक परेशानी यह भी सामने आ रही है कि इसमें खाना रखने के लिए जगह उपलब्ध नहीं है। इस पर रेल मंत्रालय विचार कर रहा है। ट्रेनों की स्थिति को लेकर रेल मंत्री का कहना है कि अब ट्रेनों के परिचालन में सुधार हुआ है। अप्रैल 2018 तक देरी की वजह से जहां करीब 1.20 लाख मिनट का नुकसान होता था। अब यह घटकर 53 हजार मिनट पर रह गया है।
सूत्र ने कहा, ‘‘यह ट्रेन इस मार्ग पर सबसे तीव्र गति वाली ट्रेन से 45 फीसदी तेज है। कुंभ मेले के मद्देनजर प्रधानमंत्री इसे हरी झंडी दिखाएंगे।’’ बहरहाल, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इस ट्रेन के पहली बार संचालन के लिए कोई तारीख बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस ट्रेन की सेवा जल्द ही शुरू होगी। सूत्रों ने बताया कि पीएमओ से मंजूरी मिलने के बाद रेलवे इस ट्रेन के शुरू होने की तारीख तय करेगा। वाराणसी की यात्रा पर यह ट्रेन दो जगह कानपुर और इलाहाबाद में रुकेगी।