किसी केस में दोषी करार दिए गए शख्स की अगर मौत हो जाती है तो कोर्ट ने उस पर जो जुर्माना लगाया है वो खत्म नहीं होगा। कोर्ट का जुर्माना उस शख्स की वो संपत्ति बेचकर वसूला जाएगा जो उसकी मौत के बाद उसके उत्तराधिकारियों के पास जानी है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने ये बात एक केस की सुनवाई के दौरान कही। हाईकोर्ट का कहना था कि इस मामले में कानूनी रुख बिलकुल साफ है। कोर्ट का जुर्माना खत्म नहीं होता।
हाईकोर्ट के जस्टिस शिवशंकर ने ये बात तोतलेगोडा नामके शख्स की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। उसके ऊपर Electricity Act, 2003 की धारा 135, 138 के तहत कार्रवाई की गई थी। उस पर 29204 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। सुनवाई के दौरान शख्स की मौत हो गई। उसके वकील ने अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी याचिका को सिरे से खारिज करते हुए जुर्माने को सही ठहराया।
हाईकोर्ट ने क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की धारा 394 का जिक्र करते हुए कहा कि दोषी शख्स की मौत होने से उस पर लगा जुर्माना खत्म नहीं हो जाता। इस मामले में भी दोषी की मौत होने से उस पर जो जुर्माना लगाया गया था वो किसी भी सूरत में खत्म नहीं होने जा रहा। ये तो चुकाना ही होगा।
एडवोकेट ने जब ये कहा कि तोतलेगोडा के परिजन इस मामले में किसी भी कार्यवाही से गुरेज कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी की मौत होने से अपील खारिज की जाती है। लेकिन जिला अदालत उसकी उस संपत्ति से जुर्माना वसूल कर सकती है जो उसकी मौत के बाद उसके उत्तराधिकारियों के पास गई है। हाईकोर्ट का कहना था कि जिला अदालत इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करके जुर्माना वसूल करने का काम करे। दोषी के परिजन चाहें या न चाहें जुर्माना तो चुकाना ही होगा। वो नहीं चुकाते हैं तो तोतलेगोडा की संपत्ति से ये रकम वसूल की जाएगी।