सेना ने बताया कि गोलीबारी के दौरान इलाके से गुजर रहा एक व्यक्ति अपनी साइकिल से गिरकर घायल हो गया। रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट मनीष मेहता ने कहा कि उनके लिए यह कहना मुश्किल है कि दोनों आतंकवादी उसी समूह के थे जिसने शुक्रवार को कठुआ में एक पुलिस थाने पर हमला किया था।
मेहता ने पत्रकारों से कहा-सुबह पांच बजकर 45 मिनट पर आतंकियों ने गोलबारी शुरू कर दी और मैं आपको बता देता हूं कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ। कोई सैनिक या नागरिक घायल नहीं हुआ। जो व्यक्ति घायल हुआ, वह दरअसल गोलीबारी के दौरान अपनी साइकिल से गिर गया था। उसे गोली या छर्रे नहीं लगे हैं। उन्होंने कहा-हमलावर किसी इकाई में घुसने की कोशिश नहीं कर रहे थे। उन्होंने बाहर से गोलियां चलार्इं और उसके बाद सैन्य इलाके के बाहर उनकी घेरेबंदी कर ली गई।
अधिकारियों ने कहा कि ऐहतियाती उपाय के तौर पर जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को वाहनों के यातायात के लिए बंद कर दिया गया। उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह के मुताबिक पहली गोली की आवाज सुबह करीब साढ़े पांच बजे सुनी गई। गोलीबारी के दौरान एक व्यक्ति घायल हो गया। शुक्रवार के हमले के बाद राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था जिसकी वजह से आतंकी सांबा में बड़ा हमला नहीं कर पाए। उन्होंने कहा-सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है और वे इस तरह के हमले रोकेंगे। तलाशी अभियान जारी है। पिछले दो दिनों में जम्मू में हुआ यह दूसरा आतंकी हमला है।
वहीं शुक्रवार को कठुआ जिले में सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों के एक फिदायीन दस्ते ने एक पुलिस थाने पर हमला कर दिया था, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई जबकि एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) समेत 11 लोग जख्मी हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने भी दोपहर तक चली मुठभेड़ में फिदायीन दस्ते में शामिल दो आतंकवादियों को मार गिराया था। एक मार्च को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बनने के बाद यह पहला बड़ा आतंकवादी हमला है।
शुक्रवार को कठुआ पुलिस थाना रणभूमि की तरह नजर आ रहा था। दीवारों पर गोलियों के कारण छेद हो गए थे। हमले के कारण पुलिस थाने के आसपास रह रहे लोगों में घबराहट पैदा हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से बात की और हालात की जानकारी ली। सिंह ने गृह सचिव को स्थिति पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि कठुआ और सांबा जिलों में 2013 और 2014 में पुलिस थानों और सैन्य शिविरों पर इसी तरह के आतंकवादी हमले हुए थे।
पहले भी हमलावरों के निशाने पर
कठुआ और सांबा जिलों में 2013 और 2014 में पुलिस थानों और सैन्य शिविरों पर इसी तरह के आतंकवादी हमले हुए थे। वहीं शुक्रवार को कठुआ जिले में सेना की वर्दी पहने आतंकवादियों के एक फिदायीन दस्ते ने पुलिस थाने पर हमला कर दिया था, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई जबकि एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) समेत 11 लोग जख्मी हो गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने भी फिदायीन दस्ते में शामिल दो आतंकवादियों को मार गिराया था। एक मार्च को जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बनने के बाद यह पहला बड़ा आतंकवादी हमला है। शुक्रवार के हमले के बाद राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था जिसकी वजह से आतंकी शनिवार को सांबा में बड़ा हमला नहीं कर पाए।