बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) को सीबीआई ने शनिवार को जमीन के बदले नौकरी घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया है। लेकिन उन्होंने आज पेश होने में असमर्थता जताई है। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (former Minister of Railways Lalu Prasad Yadav) के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को इससे पहले सीबीआई ने 4 फरवरी को समन भेजा था, लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।
सूत्रों ने कहा कि तेजस्वी की पत्नी राजश्री यादव गर्भवती हैं और शुक्रवार को तेजस्वी के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती हुईं। सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “तेजस्वी यादव अपनी पत्नी के स्वास्थ्य के कारण सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी के छापे के बाद उन्हें कल दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह गर्भवती हैं और बारह घंटे की पूछताछ के बाद बीपी की समस्या के कारण बेहोश हो गईं थीं।”
नौकरी के बदले जमीन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 10 मार्च को तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। ईडी के अधिकारियों ने दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित उनके आवास पर सुबह 8:30 बजे छापेमारी शुरू की थी। इस सप्ताह ही सीबीआई ने मामले के संबंध में लालू यादव और उनकी पत्नी से क्रमशः दिल्ली और पटना में कई घंटों तक पूछताछ की।
तेजस्वी यादव ने सीबीआई की कार्रवाई को उनके परिवार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निरंतर विरोध के कारण बताया। बिहार विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “यह एक खुला रहस्य है कि जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं और उन लोगों की मदद कर रही हैं जो बीजेपी के साथ गठबंधन करने के लिए सहमत हैं।”
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि मामले में आरोपों में आपराधिक साजिश (120-बी), आईपीसी के तहत धोखाधड़ी (420) और भ्रष्टाचार शामिल हैं। चार्जशीट के अनुसार 2004 और 2014 के बीच एक साजिश रची गई थी, जिसके तहत पुरी और रांची में स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को स्थानांतरित कर दिया गया था। फिर इसे पटना स्थित सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया गया।
सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दायर किया है। सभी आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया गया है। ईडी का मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया।