जी न्यूज के सम्मेलन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के दौरान रेलवे पर हो रहे हमलों को लेकर कहा, हमने प्रदर्शन के दौरान रेल पर हो रहे हमलों को लेकर बात की है। इसके लिए कई सारे उपाय किए गए हैं मैंने इसके बारे में बात भी की है। मैं देश के सभी नौजवानों से इस बात का निवेदन भी करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी स्वयं की संपत्ति है आपके राष्ट्र की संपत्ति है। रेलवे को जन-मानस का बिलकुल गरीब से गरीब तबका भी अपने ट्रांसपोटेशन के रूप में उपयोग करता है। तो क्यों ऐसे में आप सब अपनी संपत्ति में तोड़-फोड़ क्यों कर रहे हैं? मैं सबसे इस बात की गुजारिश करता हूं कि आप ऐसा ना करें।
रेल मंत्री ने आगे बताया कि जहां पर भी रेलवे संपत्तियों पर हमले किए जा रहे हैं, वहां पर जितना संभव हो सकेगा उतना ही कड़ा एक्शन लिया जाएगा। अभी पिछले दिनों प्रदर्शन के दौरान जो उपद्रव हुए उसमें कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बहुत सारी जगहों पर केस फाइल किए गए हैं और जो रेलवे की प्रोटेक्शन फोर्स है उसको पूरी तरह से री-रैंपअप किया जाएगा। पिछले काफी लंबे समय से इसमें काफी परिवर्तन लाए गए। रॉयट गियर पहनना, आंसू गैस का व्यवहार करना, रबर की बुलेट का व्यहार करना, रैपिडली डिप्लॉय करना इन सब चीजों को जैसे एक फोर्स की तरह से रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स को और ज्यादा मजबूत किया जाएगा।
रेलवे के मॉर्डनाइजेशनऔर एक्सपेंशन पर प्लान
इसके जवाब में रेलमंत्री ने बताया कि 4 बड़े पहलू हैं जिसमें उन्होंने ये 4 सूत्र बताए।
1- पहला है रेलवे मॉर्डन ट्रेन्स। हमारी ट्रेन में जो टेक्नोलॉजी है वो 1960-70 की दशक की हैं, उसको बदलकर आज की आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे जो कि यूरोप या विश्व के अन्य देशों के समकक्ष हो।
2-दूसरा रेलवे स्टेशंस का पुनर्निर्माण करना। ये कंप्लीट रीडेवपलपमेंट होना चाहिए छोटा-मोटा सुधार नहीं। रेलवे स्टेशन शहर का एक इंटिग्रल पार्ट बने। रेलवे स्टेशन इस तरह से बने कि वो शहर को जोड़े और शहर का एक प्रॉमिनेंट सिटी सेंटर बने।
3-तीसरा सेफ्टी पर इंडीजिनस टेक्नोलॉजी पर हो रेलवे स्टेशन। जो सुरक्षा को लेकर रेलवे कवच की टेक्नोलॉजी तक हों। रेलवे के ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटक्शन को एक बहुत ही नए लेवल पर लेकर जाना है, इसका मैसिव तौर पर एक्सपेंशन किया जाए।
4-चौथा नेटवर्क को जो कि बहुत सारे अनकवर्ड एरियाज हैं उन सब तक पहुंचाना। तो इस तरह से एक कॉम्प्रिहैंसिव प्लान के तहत रेलवे का मॉर्डनाइजेशन किया जा रहा है।
रेलवे का इन्वेस्टमेंट 40-45 हजार करोड़ से बढ़कर 1 लाख 10 हजार करोड़ तक ले आए: रेलमंत्री ने बताया रेलवे का एक्सपेंशन किया जा रहा है। रेलवे में साल 2014 के पहले मात्र 40 से 45 हजार करोड़ रूपयों का इन्वेस्टमेंट हर साल होता था। इतने बड़े नेटवर्क के लिए 40-45 हजार करोड़ से कुछ नहीं होने वाला था। मोदी जी के सत्ता में आने के बाद सबसे पहले उन्होंने रेलवे इन्वेस्टमेंट को बढ़ा कर 80 हजार से 90 हजार करोड़ किया। जब रेलवे की एब्जॉर्बशन की कैपेसिटी बढ़ने लगी तो इन्वेस्टमेंट बढ़ाकर एक लाख 10 हजार करोड़ तक लेकर आए। पिछले बजट में प्रधानमंत्री ने रेलवे को एक लाख 37 हजार करोड़ का कैपिटल इन्वेस्टमेंट का बजट दिया।
आज की ट्रेनों में बहुत से आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं
पिछले कुछ सालों से रेलवे के काम करने की प्रक्रिया बहुत ही क्रांतिकारी बदलाव हुआ है। जैसे कि टेक्नोलॉजी में बदलाव लाना, यूजर एक्सपीरियंस में बदलाव लाना जैसा कि हम सबने अनुभव किया है। आज रेलवे में साफ-सफाई का अपना एक स्तर है। आज ट्रेनों की पंक्चुआलिटी का एक नया स्तर है। अब कैपेसिटी को बहुत बड़ी मात्रा में बढ़ाने की जरूरत है। तो ये जो इन्वेस्टमेंट की साइकिल स्टार्ट हुई है, पिछले 7-8 वर्षों में इसको बनाए रखना है और इसको एक नए स्तर पर लेकर जाना है।
बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट पर बोले रेलमंत्री
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर बात करते हुए रेलमंत्री ने बताया, आज लगभग 15 किलोमीटर प्रति माह हर 40 मीटर पर एक स्पैन है तो 15 किलोमीटर का कितने पिलर्स, कितनी फाउंडेशंस, कितने पियर्स हर महीने कास्ट हो रहे हैं सात की सात नदियां हैं जिनके ऊपर पुल बनाने हैं। आप जाकर देखिए अभी कुछ दिन पहले आपके कुछ साथी वहां गए थे। देखिए कितनी तेजी से उसपर काम चल रहा है जैपनीज जो हमारे टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर हैं टेक्नोलॉजी पार्टनर्स हैं वो लोग आश्चर्यचकित हैं कि इतनी तेजी से भी काम चल सकता है।
2026 तक मेट्रो ट्रेन दौड़ती हुई नजर आएगी!
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इतनी जलिटल परियोजना को पूरा होने में समय लगता है सबसे ज्यादा तो उसका डिजाइन तय करने में शुरुआती दौर में। रेलमंत्री ने बताया कि इसमें समय तो लगा लेकिन एक बार जब बातें सुनिश्चित हो गई तो काम ने भी रफ्तार पकड़ ली। रेलमंत्री ने बताया कि जिस तरह से मौजूदा समय मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है उन्होंने कहा, मुझे इस बात का भरोसा है कि आने वाले 2026 तक पहली ट्रेन अपने सूरत से बिलिमोरा के लिए चल पड़ेगी।
रेलवे में स्टार्टअप्स के प्लान पर बोले रेलमंत्री
रेलमंत्री ने बताया अभी हमने प्रधानमंत्री के स्टार्टअप कॉन्सेप्ट के साथ रेलवे को जोड़ा है। उन्होंने कहा हम आपको बताते हैं कैसे युवा रेलवे स्टार्टअप से जुडे़ेंगे। कोई भी स्टार्टअप देश में रेलवे के लिए कोई नई टेक्नोलॉजी अगर इन्वेंट करना चाहता है या फिर विकसित तकनीकी को लागू करना चाहता है तो इसके लिए एक प्रक्रिया बनी है। इस प्रक्रिया में डिफरेंट ये है कि केवल स्टार्टअप ने अपनी टेक्नोलॉजी दिखाई और उसको एक प्राइज मनी दिया इसके बजाए स्टार्टअप जुड़े टेक्नोलॉजी को इंप्लीमेंट करे उसको एक बड़े स्केल पर लागू किया जाए।
नौजवानों से की स्टार्टअप से जुड़ने की अपील
रेल मंत्री ने आगे बताया,उसके बाद में चार वर्षों तक स्टार्टअप रेलवे के साथ उस टेक्नोलॉजी के साथ और स्केलअप करे ताकि भारतीय रेलवे एक बार अगर यूज कर ले तो हमारी जटिलताओं को जो एक बार जीत लेगा उसके लिए तो सारी दुनिया का मार्केट मौजूद रहेगा। इसी सोच के साथ ये पॉलिसी बनाई है और इसका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। मैं अपने सभी नौजवान साथी जो स्टार्अप्स में काम करने वाले हैं स्टार्टअप बनाने वाले आप सबसे निवेदन करता हूं कि आप तेजी से इसके साथ जुड़े।
भारतीय रेल यात्रियों को 65 हजार करोड़ की सब्सिडी दे रही है
रेलमंत्री ने बताया पिछले कई सालों में रेलवे ने कभी यात्री किराया बढ़ाया ही नहीं है। आज भी रेलवे की पैसेंजर सर्विसेज पर अगर 100 रूपये का खर्च आता है तो रेलवे मात्र 45 या 46 रूपये लेती है यानि 55 फीसदी छूट प्रति पैसेंजर पर पहले से ही है। रेलवे पर पैसेंजर सर्विसेज का सब्सिडी का अमाउंट आप जानोगे तो आप आश्चर्य चकित रहोगे आप कल्पना नहीं कर सकते हैं 65 हजार करोड़ रूपये रेलवे पैसेंजर्स को सब्सिडी दे रहा है। इसकी वजह है वो ये है कि रेलवे की सुविधा आम जनों के लिए है देश के साधारण मानवों के लिए है। इसीलिए बहुत लंबे समय से यात्री किराए बढ़ाए नहीं गए।
रेलमंत्री ने बताया कब फायदे में पहुंच जाएगा रेलवे
रेल मंत्री ने बताया कि हर चीज को नफा और नुकसान से नहीं नापना चाहिए मुझे लगता है कि जिंदगी में बहुत सारे ऐसे एलिमेंट्स होते हैं इंडस्ट्री में भी और सरकार के भी कई ऐसे सेक्टर होते हैं इकोनॉमी के कई ऐसे सेक्टर होते हैं जिसमें नफा नुकसान की बजाए क्या वेलफेयर हो रहा है देश के जनमानस को भारत की जनता को किस तरह से साधारण आम मानवी को अच्छी सुविधा मिल रही है उसपर फोकस करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर इस साल रेलवे प्रॉफिट में नहीं तो अगली साल जरूर रेलवे एक ब्रेक इवेंट कर पाएगा। किराया तो बढ़ाना नहीं है इस भावना से हम काम भी नहीं करते हैं।