बंगालः शुभेंदु के करीबी ने भी छोड़ा ममता का साथ, TMC नेता बोले- सियासत में ये सब है सामान्य बात
शनिवार को हल्दिया नगर पालिका के चेयरमैन श्यामल अदक ने भी तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया। श्यामल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी माने जाते हैं।इस मामले पर तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सियासत में पार्टी छोड़ना बहुत ही सामान्य सी बात है।

विधानसभा चुनाव से पहले ही बंगाल में भयंकर राजनीतिक उठापटक चल रही है। जैसे जैसे चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे नेताओं के दल बदल का कार्यक्रम भी जारी है। इसी कड़ी में हाल ही में तृणमूल छोड़ भाजपा में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी के करीबियों ने भी ममता दीदी का साथ छोड़ना शुरू कर दिया है। शनिवार को हल्दिया नगर पालिका के चेयरमैन श्यामल अदक ने भी तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया। श्यामल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के करीबी माने जाते हैं। इस मामले पर तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सियासत में पार्टी छोड़ना बहुत ही सामान्य सी बात है।
श्यामल अदक की गिनती पूर्व मेदिनीपुर जिले के कद्दावर तृणमूल नेताओं में होती थी। वे तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर हल्दिया नगरपालिका के चेयरमैन भी चुने गए थे। श्यामल के पार्टी छोड़ने के फैसले पर तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर ने कहा कि चुनाव के नज़दीक आने पर पार्टी बदलना राजनीति में आम हो चुका है। दल बदल का यह खेल हर जगह चलता रहता है। सुखेंदु शेखर ने आगे कहा कि अगर कुछ लोग पार्टी छोड़ रहे हैं तो कई लोग तृणमूल में शामिल भी हो रहे हैं। इतना ही नहीं कई लोग जो पहले किसी और पार्टी में शामिल हो गए थे अब वे अपनी गलती को समझ कर वापस तृणमूल में भी आ रहे हैं।
ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले शुभेंदु अधिकारी के भाई सोमेंदु अधिकारी भी भाजपा में शामिल हो गए थे। सोमेंदु पूर्वी मेदिनीपुर जिले में कांथी नगरपालिका के चेयरमैन थे। हालाँकि सुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु और पिता शिशिर अधिकारी अभी भी तृणमूल कांग्रेस में ही हैं और दोनों लोकसभा सांसद भी हैं।
इस साल अप्रैल मई के महीने में बंगाल विधानसभा चुनाव होने के आसार हैं। इस दौरान मतदाता बंगाल की 294 विधानसभा सीटों पर मतदान करेंगे। इन दिनों बंगाल विधानसभा चुनाव की चर्चा हर राजनीतिक गलियारे में हैं। ऐसा इसलिए है कि पिछले दो बार से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसबार भाजपा से कड़ी टक्कर मिल रही है।