NRC का विरोध कर रहे नीतीश कुमार बिहार में कराएंगे NPR, सुशील मोदी बोले- मई में 13 दिन होगा डेटा कलेक्शन
National Population Register (NPR): यहां एनपीआर 15 मई से शुरू होगा और 28 मई तक चलेगा। एनपीआर के लिए तारीखों का ऐलान शनिवार (04-01-2019) को किया गया है।

National Population Register (NPR): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में National Population Register (NPR) कराए जाने को लेकर राजी हो गए हैं। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्य में एनपीआर कराए जाने की तारीख का ऐलान भी कर दिया है। यहां एनपीआर 15 मई से शुरू होगा और 28 मई तक चलेगा। एनपीआर के लिए तारीखों का ऐलान शनिवार (04-01-2019) को किया गया है।
हालांकि इससे पहले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राज्य में NRC नहीं कराए जाने की बात कही थी। बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी जदयू के नेताओं का अब मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब साफ कर दिया है कि National Register of Citizens (NRC) को अभी देश भर में लागू करने की कोई योजना नहीं है तो फिर राज्य में एनपीआर कराने में कोई समस्या नहीं है।
जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि ‘यूपीए सरकार ने साल 2010 में एनपीआर लाया था। एनपीआर डेटा का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं होगा..तो हमें कोई समस्या नहीं है।’ बिहार जदयू के ही एक और प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ‘कांग्रेस सबसे पहले कई कांग्रेस शासित राज्यों में एनपीआर को लेकर आई थी। इस मामले में कनफ्यूजन उस वक्त बना जब केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में लिखित रूप से बताया कि एनपीआर ही एनआरसी का पहला स्टेप है। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों ने ही साफ कर दिया कि एनपीआर और एनआरसी का आपस में कोई संबंध नहीं है…इसलिए इसे राज्य में लागू करने में कोई समस्या नहीं है।
बिहार में एनपीआर प्रक्रिया का ऐलान करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ‘यह एक कानूनी प्रक्रिया है और सभी राज्यों को ऐसा करना है…कोई भी राज्य इसे अपने यहां लागू करने से मना नहीं कर सकता।…अगर कोई भी जनगणना के लिए मना करता है तो उसे तीन साल की जेल और उसपर 1000 रुपया जुर्माना लगाया जा सकता है।’
हालांकि आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल और केरल ने अपने-अपने राज्यों में एनपीआर लागू करने से इनकार कर दिया है। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसके पीछे तर्क दिया है कि एनपीआर डेटा का इस्तेमाल एनआरसी के लिए किया जाएगा।
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