सर्जिकल स्ट्राइक: आमने-सामने की लड़ाई में दो जवानों ने ढेर किए थे 8 दुश्मन, अफसर ने मोर्चे पर बढ़ाया साथियों का उत्साह
एक मेजर के नेतृत्व वाली टीम ने अकेले चार दुश्मनों को मारा था। उनकी टीम ने कुल 10 दुश्मनों को खत्म किया और आतंकी लॉन्च पैड को तबाह किया।

पिछले साल सितम्बर के महीने में भारतीय सेना की पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई की विस्तृत जानकारी अब सामने आई है। इसके अनुसार जो जवान और अफसर इस कार्रवार्इ में शामिल थे उनके बारे में ब्यौरा दिया गया है। इस कार्रवाई में शामिल रहे छह जवानों को गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसमें कीर्ति चक्र भी दिया गया। कीर्ति चक्र शांतिकाल का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। हालांकि सुरक्षा कारणों से पुरस्कार हासिल करने वाले जवानेां के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार वीरता पुरस्कार पाने वाले छह जवानों ने आमने-सामने की लड़ाई में कम से कम 10 दुश्मनों को खत्म किया। इसमें एक स्नाइपर ने बंकर में छुपे लक्ष्यों पर निशाना लगाया और एक टीम ने पाकिस्तानी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया। सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी देते समय सेना ने मरने वाले आतंकियों की संख्या नहीं बताई थी। लेकिन बताया गया था कि काफी नुकसान पहुंचाया गया है।
अब जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार दुश्मन की बातचीत का ब्यौरा जो पकड़ में आया उसके अनुसार आतंकियों को भारी नुकसान हुआ है और उन्हें मदद करने वालों को भी आघात लगा। दो जवानों ने करीबी लड़ाई में चार-चार लोगों को मार गिराया। साथ ही यह भी तय किया कि कोई दुश्मन बचने ना पाए। रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने आतंकियों की ओर से की गई भारी गोलीबारी के बीच अपने साथियों का उत्साहवर्धन किया और लक्ष्यों को तबाह कर दिया। इसके अनुसार एक अनुभवी जवान ने अपने साथियों की जान बचाने के लिए खुद को जोखिम में डाल दिया इसके बाद उन्होंने दो दुश्मनों को मार गिराया।
वहीं एक मेजर के नेतृत्व वाली टीम ने अकेले चार दुश्मनों को मारा था। उनकी टीम ने कुल 10 दुश्मनों को खत्म किया और आतंकी लॉन्च पैड को तबाह किया। सेना ने मेजर के कीर्ति चक्र पर कहा, ”यह सम्मान योद्धागत स्वभाव, सूचना इकट्ठी करने की विलक्षण योग्यता और कर्त्तव्य से ऊपर उठकर काम करने के चलते हासिल किया गया है।” इस ऑपरेशन में जमीनी सैनिक और पैरा कमांडो शामिल थे। रातभर यह कार्रवाई हुई और प्रभात से पहले वे आ गए थे।
इस कार्रवाई के दौरान हमलावर जवानों ने अलग-अलग रणनीतियों पर काम किया। इसमें दुश्मन को चकमा देने के लिए अन्यत्र गोलीबारी, लक्ष्य का निर्धारण, इसके क्रियान्वयन का समय और फिर कार्रवाई पूरी होने पर मिलने की जगह की पूरी तैयारी की गई। बता दें कि भारतीय सेना की ओर से सितंबर के आखिरी सप्ताह में पीओके में आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। भारत की ओर से यह कार्रवाई उरी में सेना कैंप पर हमले के बाद हुई थी। उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण में नरेंद्र मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाईं। मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा दोनों को संबोधित करते हुए भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवार्इ की तारीफ की। राष्ट्रपति ने कहा, ”क्षेत्रीय संप्रभुता के बार-बार उल्लंघन करने का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए मेरी सरकार ने निर्णयात्मक कदम उठाए हैं। आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए 29 सितंबर, 2016 को हमारे रक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा पर अनेक लांच पैड पर सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक किया। हमारे रक्षा कर्मियों के इस अदम्य साहस और पराक्रम पर हमें गर्व है और हम उनके प्रति कृतज्ञ और ऋणी हैं।”
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