आपराधिक मानहानि के लिए सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा के बाज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी राजनीतिक रूप से और ज्यादा घिर गए हैं। ब्रिटेन में उनकी टिप्पणियों को लेकर उनसे माफी की मांग पर जोर देने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा के अभियान को इससे और बढ़ावा मिला है। भाजपा नेता भारतीय लोकतंत्र पर यूके में राहुल गांधी के विवादित बयान को लेकर संसद के अंदर और बाहर लगातार हमले तेज कर रहे हैं।
लोकसभा स्पीकर से मंत्रियों समेत मिले पीएम नरेंद्र मोदी
यह देखते हुए कि सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का फैसला राहुल गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर सकता है। जब तक कि हाई कोर्ट सजा पर रोक या रद्द करने का आदेश न दे दे, भाजपा नेताओं ने भविष्य के कदमों पर चर्चा करने के लिए बैठकें कीं। लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों ने भी यही किया। इसके बाद गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात की।
देश की संस्थाओं का सम्मान नहीं करते कांग्रेस नेता- जोशी
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट होता है कि वे देश की संस्थाओं का सम्मान नहीं करते हैं। यह काफी स्पष्ट है कि उनके मन में संस्थानों के लिए बहुत कम सम्मान है और वे इसे बार-बार दिखा रहे हैं।” राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर फैसले के असर के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, “संबंधित लोग कानूनी रूप से इसकी (अदालत के आदेश) जांच करेंगे और फिर हम प्रतिक्रिया देंगे।”
राहुल गांधी की अयोग्यता पर उचित प्रक्रिया का होगा पालन
लोकसभा स्पीकर के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी की अयोग्यता पर अधिसूचना जारी करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। लोकसभा सचिवालय के एक सूत्र ने कहा, “अध्यक्ष के पास अयोग्य घोषित करने की शिकायत के साथ आदेश आने दीजिए… कानूनी विशेषज्ञ जांच करेंगे और निर्णय लेंगे।” कांग्रेस इसे “तानाशाही भाजपा सरकार” के हमले के हिस्से के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है। क्योंकि वह “उनके कुकृत्यों को उजागर कर रहे थे और अडानी मुद्दे में जेपीसी की मांग कर रहे थे।”
राहुल गांधी लोगों को गाली देंगे तो कानून अपना काम करेगा
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है और अगर राहुल गांधी लोगों को गाली देते हैं तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना को खारिज कर दिया और पूछा कि क्या विपक्षी दल उन्हें दूसरों को ‘अपशब्द’ कहने की ‘पूर्ण स्वतंत्रता’ चाहता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “अदालत के आदेश ने उनकी अयोग्यता का रास्ता साफ कर दिया है और अब इससे बाहर निकलने का बोझ राहुल गांधी पर है, ताकि वह सदन में वापस आ सकें। हमें कुछ भी क्यों करना चाहिए?”
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कांग्रेस को 2019 की तरह भारी पड़ सकता है विवादित बयान
दूसरी ओर कांग्रेस की रीडिंग यह है कि यह राहुल गांधी के लोकतांत्रिक बैकस्लाइडिंग के मामले को मजबूत करता है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि पार्टी को “राजनीतिक लाभ” मिलने की उम्मीद है। क्योंकि पीएम मोदी की तुलना नीरव मोदी या ललित मोदी जैसे भगोड़ों से की जाएगी जैसे साल 2019 में “चौकीदार-चोर-है” वाला नारा कांग्रेस को ही भारी पड़ गया था। फिर भी, आम आदमी पार्टी की ओर से राहुल गांधी को तुरंत समर्थन से पार्टी के नेता हैरान हैं।
अदालत का सम्मान, लेकिन फैसले से असहमत- केजरीवाल
सूरत कोर्ट से राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “गैर-बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमा चलाकर उन्हें खत्म करने की साजिश रची जा रही है कांग्रेस से हमारे मतभेद हैं, लेकिन राहुल गांधी को इस तरह मानहानि के मामले में फंसाना सही नहीं है। ..सवाल पूछना जनता और विपक्ष का काम है। हम अदालत का सम्मान करते हैं लेकिन फैसले से असहमत हैं।
तलवार से अधिक गहरी होती है शब्दों की चोट- राजनाथ सिंह
इस बीच सियासत में जुबानी जंग तेज हो गई। फैसले के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “राहुल गांधी को यह स्वीकार करना चाहिए कि शब्दों के माध्यम से नुकसान या चोट तलवार से अधिक गहरी होती है। मैं कहूंगा कि हम सभी को इस घटना से सीख लेनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम सार्वजनिक रूप से बोलते हुए लाइन पार न करें।” सूरत की सांसद और केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने अदालत के आदेश को “राहुल गांधी द्वारा हमेशा की जाने वाली गलत टिप्पणियों और झूठ और का प्रमाण” करार दिया।
मल्लिकार्जुन खरगे पर रविशंकर प्रसाद ने साधा निशाना
अदालत के आदेश पर सवाल उठाने के लिए रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी करना दिखाता है कि कांग्रेस न्यायपालिका में विश्वास नहीं करती है। प्रसाद ने पूछा, “क्या कांग्रेस न्यायपालिका को भी अपनी जेब में रखना चाहती है?” प्रसाद ने आगे कहा, “देश में कानून का शासन है और यह कायम रहेगा… भारत का कानून कहता है कि अगर किसी व्यक्ति या संगठन को भद्दे बयानों, निंदनीय टिप्पणियों, अपशब्दों या किसी अपमानजनक टिप्पणी से बदनाम किया गया है तो उसके पास कानूनी मदद पाने का अधिकार है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को इससे आपत्ति है। वह राहुल गांधी को गालियां देने की पूरी आजादी चाहती है।’