राफेल: अमित शाह ने नरेंद्र मोदी को बताया सूरज, कहा- सूरज के आगे मिट्टी न उछालें
राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर हमले तेज कर दिए हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि जनता के बीच भ्रम फैलाने के लिए राहुल गांधी को राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए। बीजेपी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना सूरज से कर डाली।

राफेल लड़ाकू विमान खरीद मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि जनता को गुमराह करने के लिए राहुल गांधी को राष्ट्र से माफी मांगना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि जिन सूचनाओं के आधार पर उन्होंने इतना बड़ा आरोप (राफेल लड़ाकू विमान खरीद में घोटाला) लगाया, उसका स्रोत क्या है?’ अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना सूरज से करते हुए कहा, ‘सूरज के ऊपर कितना भी कीचड़ या कितनी भी मिट्टी उछाल लें वो स्वयं पर ही गिरती है। आगे से वह (राहुल गांधी) ऐसे बचकाने आरोप से बचें।’ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (14 दिसंबर) को राफेल डील को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की और उन्हें खारिज कर दिया। राहुल गांधी कई मौकों पर राफेल लड़ाकू विमान खरीद सौदे में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला होने का आरोप लगाते रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली कंपनी को हजारों करोड़ रुपये का ठेका दिलवाने का आरोप लगाते रहे हैं।
‘राफेल मुद्दे पर संसद में चर्चा को तैयार’: सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग की है। विपक्षी दल की इस मांग पर टिप्पणी करते हुए अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी राफेल मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस पार्टी को चुनौती देता हूं कि वह मुद्दे के आधार पर सदन में जितने समय तक चर्चा करना चाहते हैं करें।’ अमित शाह ने राहुल गांधी पर तीख हमला बोलते हुए कहा कि राफेल खरीद के संबंध में सेना के बीच संदेह पैदा करने के लिए राहुल गांधी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने और अपनी पार्टी के तत्काल फायदे के लिए झूठ का सहारा लेकर चलने की एक नई राजनीति की शुरुआत की है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सिद्ध कर दिया है कि झूठ के पैर नहीं होते और अंत में जीत सत्य की ही होती है।
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