Ram Setu Case: राम सेतु से जुड़े एक केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 12 जनवरी को बीजेपी (BJP) नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) की एक मांग ठुकरा दी। स्वामी की मांग थी कि अदालत कैबिनेट सेक्रेटरी को तलब करे, क्योंकि केंद्र सरकार हलफनामा दाखिल करने में नाकाम रही है। यह हलफनामा स्वामी की उस याचिका के सिलसिले में देना था, जिसमें उन्होंने राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर (National Heritage) का दर्जा देने की मांग की है।
Supreme Court- पीठ ने नकारी स्वामी की मांग:
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वामी की मांग नकारते हुए केंद्र सरकार (Central Government) को फरवरी के पहले सप्ताह तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा।
Subramanian Swamy ने CJI से क्या कहा:
स्वामी ने सीजेआई से कहा, ‘विद्वान सॉलिसिटर जनरल ने 12 दिसंबर को ही हलफनामा दायर करने का वादा किया था।’ सीजेआई सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की तरफ देखते हुए बोले- सॉलिसिटर साहब, सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) कह रहे हैं कि राम सेतु मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने का अपना वादा आपने पूरा नहीं किया।
इस पर तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने जवाब दिया- हलफनामा तैयार हो रहा है, इस पर चर्चा जारी है। फरवरी के पहले सप्ताह तक मोहलत दें। यह सुनते ही स्वामी की तरफ से जवाब आया- उन्होंने (मेहता) कहा था कि हलफनामा तैयार है, अब कह रहे हैं कि तैयार हो रहा है। यह कैबिनेट से जुड़ा मामला है तो क्या मैं कैबिनेट सेक्रेटरी को तलब करने की गुजारिश कर सकता हूं।
DY Chandrachud- मुस्कराकर बोले सीजेआई:
सीजेआई ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया- नहीं, नहीं। हम फरवरी के पहले सप्ताह तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का वक्त देते हैं और दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेंगे। इस पर स्वामी ने आग्रह किया कि पहले नंबर पर ही इस मामले को रखा जाए। सीजेआई बस हंस कर रह गए।
सुब्रमण्यम स्वामी ने 2007 में सेतु समुद्रम शिप चैनल प्रोजेक्ट के खिलाफ अपने प्ली में राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का मुद्दा उठाया था। सेतु समुद्रम परियोजना के तहत मन्नार और पाक स्ट्रेट को जोड़ने वाला 83 किमी लंबी सुरंग बननी थी। कहा गया कि इस परियोजना से राम सेतु पर असर पड़ेगा। राम सेतु के बारे में रामायण में बताया गया है कि भगवान राम ने सीता को बचाने के लिए श्रीलंका जाने के लिए इस पुल का निर्माण किया था।